पटना. अब अगर किसी असंगठित क्षेत्र के मजदूर के साथ अन्याय होता है तो ऐसी हालत में पुलिसिया कार्यवाई की जा सकती है। श्रम संसाधन विभाग ने मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है। विभाग का मानना है कि अंसगठित क्षेत्र के मजदूर अशिक्षित एवं आर्थिक रूप से कमजोर होते है जिन्हें ठेकेदार द्वारा विभिन्न स्तरों पर शोषित किया जाता है। ऐसे में उनके हितों की रक्षा सिर्फ...
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बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »नरेगा जैसी शहरी रोजगार योजना का प्रस्ताव
नई दिल्ली। सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [नरेगा] की तरह ही एक शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू करने और न्यूनतम मजदूरी की वैधानिक मंजूरी देने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव सरकार की रोजगार पर जनता को पहली सालाना रिपोर्ट में वर्णित अल्पकालिक रणनीतियों और लक्ष्यों के तहत है। यह प्रस्ताव वंचित लोगों के लिए रोजगार सृजित करने तथा रोजगार को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा। वर्तमान...
More »महिला श्रमिकों की पीड़ा
नई दिल्ली [प्रदीप कुमार मील]। एक अनुमान के मुताबिक विश्व के कुल काम के घटों में से महिलाएं दो तिहाई घटे काम करती हैं, लेकिन वह केवल 10 फीसदी आय ही अर्जित करती हैं और विश्व की केवल एक फीसदी संपत्ति की ही मालकिन हैं। भारतीय संदर्भ में महिला श्रम या श्रम में महिलाओं की भागीदारी पर बात करते समय पिछले कुछ वर्षो में तीन विषेष तथ्य सामनें आतें...
More »अपना दिवस मनाया
शिमला.सीटू राज्य कमेटी के आह्वान पर शनिवार को पूरे प्रदेश में मजदूर दिवस मनाया गया। सीटू के अनुसार पांवटा साहिब, परमाणु, दाड़लाघाट, मंडी, कुल्लू, चंबा, ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर, शिमला, रोहडू, रामपुर, किन्नौर आदि स्थानों पर मजदूरों ने भारी संख्या में पहुंच कर जनसभाएं और अपने हक में प्रदर्शन कर मजदूर दिवस मनाया। सीटू के राज्य अध्यक्ष जगत राम का कहना है कि देश की श्रम शक्ति का 90 प्रतिशत हिस्सा असंगठित क्षेत्र में कार्य करता...
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