नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर सभी तरह की दिव्यांगता को नापने का एक ही पैमाना गलत है। न्यायमूर्ति एस. रविंदर भट और दीपा शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि देश में 26 लाख से ज्यादा लोग विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता का शिकार हैं। हर दिव्यांगता का अलग इलाज है। ऐसे में भारतीय दिव्यांगता मूल्यांकन आकलन के...
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आइटी नौकरियां घटने का संकट-- आकार पटेल
अर्थव्यवस्था से जुड़ी कुछ चिंताजनक खबरें आ रही हैं, जिनकी चर्चा व्यापारिक अखबारों तक ही सीमित है. ये समाचार भारत के बड़ी सूचना तकनीक और सॉफ्टवेयर उद्योग की इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी कंपनियों से संबंधित हैं. पिछले दो दशकों से तेजी से बढ़ रही इन संस्थाओं की वृद्धि धीमी पड़ गयी है. अब इन कंपनियों की वार्षिक बढ़ोतरी एकल अंकों में हो रही है और इसके लिए भी...
More »राजद्रोह का चना जोरगरम-- चंदन श्रीवास्तव
फिल्म प्यासा का गीत है- ‘सर जो तेरा चकराये या दिल डूबा जाये', एक जगह तनिक छेड़ के साथ पात्र कहता है कि ‘लाख दुखों की एक दवा है क्यों ना आजमाये.' ऐसी दवा साहित्य के पन्नों में मिला करती है, लेकिन लगता है अब राजनीति ने भी यह दवा खोज निकाली है. सार्वजनिक महत्व के मसले पर राजनीतिक असहमति से उपजनेवाले तमाम दुख-दर्दों से छुटकारे की इस दवा का...
More »मौन जुलूसों के नीचे धधकती आग-- प्रमोद मीणा
किसी के कंधे पर बंदूक रख कर निशाना लगाना क्या होता है, इसकी जीवंत बानगी मराठा आंदोलन है। लाखों की संख्या में मराठा महाराष्ट्र की सड़कों पर मौन जलूस निकाल रहे हैं। इसका तात्कालिक कारण बताया जा रहा है अहमदनगर जिले में एक चौदह वर्षीय मराठा लड़की का बलात्कार और हत्या। इस मामले में अभी तक पकड़े गए तीनों आरोपी दलित हैं। कू्ररता की शिकार इस बालिका को न्याय दिलाने...
More »जातीय संघर्ष के ज्वालामुखी--- सतीश पेडणेकर
इन दिनों महाराष्ट्र में जो हो रहा है वह अद्भुत है। महाराष्ट्र महारैलियों का प्रदेश बन गया है। राज्य के जिलों में भी मराठाओं की विशाल रैलियां निकल रही हैं, जिनमें लाखों लोग जुट रहे हैं। कुछ समय पहले तक कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि जिले-जिले में ऐसी महारैलियां निकल सकती हैं। ये महारैलियां इस बात की प्रतीक हैं कि राज्य की एक तिहाई आबादी वाली मराठा...
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