भारतीय बैंकर इन दिनों खुश नहीं हैं। खासतौर पर वे, जो इस उद्योग में दबदबा रखने वाले राष्ट्रीयकृत बैंकों में काम करते हैं। बीते आठ नवंबर के बाद से, जब से प्रधानमंत्री ने पुराने बड़े नोटों को चलन से बाहर करके उसकी जगह नए नोट लाने की घोषणा की है, बैंकरों पर काम का बोझ बढ़ गया है। कभी-कभी तो उन्होंने सप्ताहांत में भी काम किया। उनका पाला न सिर्फ...
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ऐसे तो नहीं रुकेंगी किसानों की आत्महत्याएं -- के सी त्यागी
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014-2015 के दौरान आत्महत्या के मामलों में 42 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में 5,650 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई थी, जो वर्ष 2015 में बढ़कर 8,007 तक पहुंच गई। तस्वीर इतनी भयानक तब है, जब इस श्रेणी से कृषि मजदूरों द्वारा की गई आत्महत्या की संख्या बाहर रखी गई है। वर्ष 2014 में कुल 6,710...
More »नोटबंदी में सहकारी बैंकों ने कालेधन को किया सफेद: आयकर विभाग
आयकर विभाग ने देशभर में सहकारी बैंकों के कामकाज के तरीके पर गंभीर चिंता जताई है। विभाग ने दावा किया कि सहकारी बैंकों ने नोटबंदी को कालेधन को सफेद करने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। विभाग की एक विश्लेषण रिपोर्ट में कहा गया है कि कर अधिकारियों ने पाया कि 8 नवंबर के बाद ये बैंक कालेधन के सृजन और उसे ठिकाने लगाने में अभूतपूर्व स्तर पर लगे हुए...
More »जर्मन अर्थशास्त्री का दावा- भारत में नोटबंदी के पीछे है अमेरिका का हाथ
8 नवंबर को भारत में नोटबंदी का फैसला लागू हुआ था और 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे। लोगों को पैसे बदलवाने के लिए बैंक और एटीएम की लाइनों में लगना पड़ा। लेकिन शायद किसी को यह भनक तक नहीं लगी होगी कि नोटबंदी के इस फैसले के पीछे अमेरिका का हाथ है। एक लेख में जर्मन अर्थशास्त्री नॉर्बर्ट हैरिंग ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा...
More »बैंक 40 फीसदी नकदी ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचाएं
भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बैंकों से 40 फीसदी नकदी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजने को कहा है। इसमें 500 रुपये से कम मूल्य के छोटे नोट होंगे। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि अभी जितनी नकदी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी जा रही है, वह आबादी की मांग के हिसाब से कम है। उसने कहा कि करेंसी चेस्ट से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों, जिला सहकारी बैंकों...
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