बाहरी दिल्ली, जासं : दिल्ली पुलिस, श्रम विभाग व बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम ने वजीरपुर जेजे कॉलोनी स्थित फैक्टरियों में छापेमारी कर वहां काम करते नौ बाल मजदूरों को मुक्त कराया। बाद में उन्हें सेवा कुटीर भेज दिया गया। सभी बच्चे समस्तीपुर मधुबनी व मुजफ्फरपुर बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस फैक्टरी मालिक मोहम्मद चांद व जावेद को गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही है। उत्तार पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त एनएस बुंदेला ने...
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राज्य आंदोलनकारी की विधवा दो जून रोटी को तरसी
जैंती (अल्मोड़ा) : उत्ताराखण्ड राज्य आंदोलन में अपनी शहादत देने वाले जिले के एकमात्र आंदोलनकारी की विधवा मेहनत मजदूरी कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर रही है। नेताओं के लाख घोषणाओं के बावजूद शहीद की जन्मस्थली मिरोली गांव आज भी रोड, पानी, बिजली के लिए मोहताज है। उत्ताराखण्ड राज्य आंदोलन के दौरान अल्मोड़ा जनपद के मल्ला सालम के मिरोली निवासी प्रताप बिष्ट की 3 अक्टूबर 1994 को पुलिस...
More »नरेगा में बने स्कूली बच्चों, मृतकों के जॉब कार्ड
जोधपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) में पारदर्शिता लाने के तमाम प्रयासों के बीच राजस्थान के इस जिले में योजना के तहत व्याप्त गोरखधंधे का भांडाफोड़ हुआ है। यहां नाबालिग छात्रों से लेकर मृतकों तक के न सिर्फ फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं, बल्कि सौ दिन की मजदूरी दिखाकर भुगतान के हजारों रुपए हजम कर लिए गए हैं। ‘भास्कर’ की पड़ताल में जिले के फलौदी तहसील की खारा ग्राम...
More »न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
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