SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1163

शहरों में सस्ते मजदूर बनाने वाले त्रुटिपूर्ण अर्थशास्त्र से इतर खेतीबाड़ी के पुनर्निर्माण और भविष्य के विकास का रास्ता

गांव सवेरा, 13 अगस्त देश को पेट भरने के लिए दूसरों की दयादृष्टि पर निर्भरता वाली हालत से उबारकर, अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारों वाली स्थिति में पहुंचाने के लिए भारतीय किसान द्वारा निभाई महत्वपूर्ण भूमिका से कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे चमकदार सितारा बनकर उभरा है। चाहे हम इस उपलब्धि को सार्वजनिक रूप में मानें या नहीं, लेकिन एक गतिशील कृषि ने देश में आर्थिक विकास की सुदृढ़ नींव रखी है। आज...

More »

ग्राउंड रिपोर्ट: हेलंग बन गया उत्तराखंड के अस्मिता का सवाल

जनचौक, 12 अगस्त  उत्तराखंड के चमोली जिले के सुदूरवर्ती गांव हेलंग में महिलाओं से घास छीनने की घटना को करीब एक महीना गुजरने को है। इस दौरान पूरे उत्तराखंड की हुई गतिविधियों पर नजर डालें तो साफ नजर आ रहा है कि राज्य के जागरूक लोगों के बाद अब यहां के आम लोग भी इस लड़ाई में शामिल होने लगे हैं और अब यह मुद्दा हेलंग गांव में घास छीने जाने...

More »

बांध से होने वाले फायदों के लिए क्यों चुकानी पड़ रही है भारी पर्यावरणीय कीमत

न्यूज़लॉन्ड्री, 11 अगस्त  दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के जैव विविधता संरक्षण के प्रबंधक स्टीफन मिड्ज़ी को लगता है कि नदियों को वैसा ही होना चाहिए जैसी नदियां होती हैं. मिड्ज़ी निर्बाध बहने वाली धाराओं, जो जलीय और स्थलीय जैव विविधता के लिए संपर्क के माध्यम का काम करती हैं, उनको प्राकृतिक स्थिति में रखने की वकालत करते हैं. लेकिन वह यह भी कहते हैं कि वह ‘बांध विरोधी व्यक्ति’...

More »

क्या गिद्धों की संख्या बढ़ाने में मददगार साबित होगा गोरखपुर का गिद्ध केंद्र?

डाउन टू अर्थ, 11 अगस्त उत्तर प्रदेश के गोरखपुर वन प्रभाग के भारीवैसी में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है। यह राज गिद्ध (लाल सिर वाले गिद्धों) के संरक्षण एवं प्रजनन के लिए स्थापित दुनिया का पहला केन्द्र होगा। केन्द्र के लिए बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी और प्रदेश सरकार के बीच 15 वर्ष का समझौता हुआ है। योजना के लिए...

More »

पानी और साफ-सफाई

खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close