खरीद का लक्ष्य नहीं हुआ पूरा रबी फसलों पर बेमौसम बारिश की मार के बावजूद इस साल गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल से ज्यादा रही है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने किया है। इसके बावजूद इस साल 310 लाख टन की गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। पिछले साल के मुकाबले खरीद बढ़ने से केंद्र में आई नई सरकार को महंगाई से...
More »SEARCH RESULT
बेमौसम बारिश के चलते गेहूं के दामों में आ सकती है तेजी
आने वाले दिनों में हाजिर बाजार में गेहूं की कीमतें बढ़ सकती हैं, इसकी मुख्य वजह रबी फसलों की कटाई में हुई देरी है। जानकारों का मानना है कि हाजिर बाजार में गेंहू की कीमतें 1,700 रुपए प्रति क्विंटल के स्तरों को छू सकती हैं। क्यों बढ़ सकती हैं कीमतें बेमौमस बारिश से मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र रबी फसल को नुकसान। आकलन के मुताबिक बेमौसम बारिश के चलते...
More »बागवानी पेड़ लगाने के लिए 352 करोड़ -
राजस्थान व एमपी में तूफान से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पहल केंद्र सरकार बागवानी फसलों के पेड़ दुबारा लगाने के लिए किसानों को 352 करोड़ रुपये की मदद देगी। मार्च में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में बेमौसमी बारिश और तूफान से बागवानी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। एक सरकार सूत्र ने बताया कि इसके अलावा केंद्र ने कर्नाटक में किसानों को 92 करोड़ रुपये की मदद...
More »छत्तीसगढ़ से मोटे चावल की आपूर्ति बाधित होने का अंदेशा
गंभीर समस्या बेमौसम बारिश से भीगे धान के चावल की क्वालिटी खराब लेकिन सरकार क्वालिटी मानकों में रियायत नहीं दे रही मिल संचालकों ने अप्रैल से मिलिंग रोकने का निश्चय किया एमपी व पूर्वी राज्यों में पीडीएस की सप्लाई बाधित होगी अगले महीनों के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत चावल की सप्लाई उन राज्यों में प्रभावित हो सकती है, जहां छत्तीसगढ़ से सप्लाई होती है। फरवरी और मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलों...
More »इस बार के चुनाव में खेती-किसानी मुद्दा क्यों नहीं है- हरवीर सिंह
इंदिरा गांधी के इमरजेंसी राज के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिस जनता पार्टी ने सत्ता से बेदखल किया, उसका चुनाव चिह्न हलधर था। उस चुनाव का एक नारा था, देश की खुशहाली का रास्ता खेतों और गांवों से होकर जाता है। साफ है कि तब राजनीति के केंद्र में किसान और गांव-देहात था। अब सोलहवीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस चुनाव में मध्यवर्ग,...
More »