महंगे ईलाज के इस युग में कुछ फरिश्ते अभी भी है, जो भगवान बनकर गरीबों के ईलाज के लिए तत्पर है। इनके लिए डॉक्टर की उपाधि भगवान का दिया एक तोहफा है जो जरूरतमंदों की भलाई करने के लिए है, ना कि सिर्फ और सिर्फ कमाई करने के लिए। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ऐसे ही चिकित्सकों में से एक है जिन्होनें अपने पेशे के साथ- साथ सामाजिक कर्तव्य को आज...
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बोई जुवार, स्वीकृत हो गया मिर्च का मुआवजा
भीकनगांव (खरगोन)। नईदुनिया की पहल अब ग्रामीण अंचल में भी मिशन बनने लगी है। दूरदराज क्षेत्र के एक किसान ने इसे सच साबित कर दिखाया। स्वयं ने स्वीकार किया कि उसने जो फसल बोई उसका बेहतर उत्पादन मिला। इसके बावजूद उसे एक अन्य फसल की बर्बादी का मुआवजा स्वीकृत हो गया। इस किसान ने गलत ढंग से मुआवजा हासिल करने की बजाय समाज के सामने अनियमितताओं और प्रशासनिक कारगुजारी को...
More »वक्त के पन्नों पर जो दर्ज कर गये अपनी अमिट छाप
नियम यह है विधाता का / सभी आकर चले जाते / मगर कुछ लोग ऐसे हैं / जो जाकर भी नहीं जाते। न सब धनवान होते हैं / न सब भगवान होते हैं/ दयालु, लोकप्रिय, सतपाल / भले इनसान होते हैं।। ... और ऐसा कोई इनसान जब वक्त के पन्नों पर अपनी अमिट छाप छोड़ कर हमारे बीच से विदा होता है, तो यह हम सबका साझा फर्ज बनता...
More »16 बेमिसाल गांवः तस्वीर और तकदीर बदली इन गांवों ने
असली भारत गांव में बसता है। देश और दुनिया में भले ही चांद पर जाने की बात हो लेकिन गांव का महत्व आज भी कायम है। पेश है देश के 16 ऐसे अनोखे गांव की कहानी जो इस दौर में भी मिसाल बने हुए हैं। कहीं किसी एक ही गांव ने देश को दिए है 47 आईएएस अधिकारी तो कोई गांव पूरी दुनिया को साम्प्रदायिक सौहार्द का पाठ पढ़ा रहा...
More »वह आदिवासियों की उम्मीद थे- बाबा मायाराम
बी. डी. शर्मा (ब्रह्मदेव शर्मा) जी नहीं रहे, यह खबर मुझे रांची में मिली। उनका निधन 6 दिसंबर को हो गया। उस समय मैं झारखंड के मित्र सुनील मिंज से वहां तेज गति से होने वाले औदयोगिकीकरण की कहानियां सुन रहा था। जल, जंगल, जमीन जैसे संसाधन किस तरह से आदिवासियों से छीने जा रहे हैं, यह झारखंड में देखा जा सकता है। यही हाल छत्तीसगढ़, ओडिशा और देश के...
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