आजादी के बाद भूमि सुधार की बात तो हुई लेकिन यह किसी पार्टी के एजंडे में नहीं रहा। विषमताओं और गैरबराबरी वाले भारत में इस बुनियादी मुद्दे को भुला महाजनों और मानसून पर निर्भर किसानों को विश्व बाजार के मंच पर अकेला छोड़ दिया गया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर सभी सरकारें चुप हैं। जब लोगों के जीने-मरने का सवाल पैदा हो रहा हो तो उनके सामने नोटबंदी और डिजिटल...
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क्यों धैर्य खो रहे हैं किसान-- संजीव पांडेय
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में किसान उग्र हो गए हैं। दोनों राज्यों में किसान आंदोलन हिंसक हो गया। मध्यप्रदेश में पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई। यह घटना पूरे देश के लिए चेतावनी है क्योंकि किसानों ने अब शांतिपूर्वक आंदोलन के बजाय हिंसक रास्ता अख्तियार कर लिया है। कर्ज के बोझ तले दबे किसान फसलों की संतोषजनक कीमत न मिलने के कारण सड़कों पर उतर आए। सरकार की...
More »अन्नदाता क्यों गोली खाये?-- राकेश पाठक
ध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को किसान का बेटा, धरतीपुत्र आदि बताते नहीं थकते, लेकिन उनके राज में अन्नदाता किसान किस कदर जुल्म का शिकार है, इसकी कथा मंदसौर में लिख दी गयी. बीते मंगलवार को मालवा की धरती किसानों के खून से सींची गयी. पुलिस की बर्बरता ने छह किसानों के सीने गोलियों से छलनी कर दिये. अब भी किसानों के सीने में आग धधक रही...
More »रोजी बनाम राम- एकै साधे सब सधे--- मुकेश भारद्वाज
सरकार के हर मंच से नोटबंदी को सही बताने के बाद 2016-17 की चौथी तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि सकल घरेलू उत्पाद दर घट कर 7.1 से 6.1 फीसद पर आ गई। बाजार में तरलता की कमी से मांग घटी और छोटे कारोबारियों की कमर टूट गई। अब जबकि जीएसटी के अमल का समय नजदीक आ रहा है, सरकार जमीनी सच्चाई को नकारते हुए कमजोर अर्थव्यवस्था का ठीकरा...
More »मध्य प्रदेश में किसानों पर फायरिंग, पांच की मौत
मध्य प्रदेश में फसलों के वाजिब दाम सहित अन्य मांगों को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन मंगलवार को हिंसक हो गया। मंदसौर जिले में आंदोलन कर रहे किसानों पर हुई फायरिंग में पांच की मौत हो गई। मंदसौर-नीमच रोड पर पिपल्यामंडी इलाके में उग्र किसानों ने 8 ट्रकों और 2 बाइकों को आग लगा दी। पुलिस और सीआरपीएफ ने स्थिति संभालने की कोशिश की तो भीड़ ने पथराव शुरू कर...
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