SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 649

कोरोना महामारी ने मनरेगा के सामाजिक ऑडिट सिस्टम को प्रभावित किया है!

जब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) - एक मांग-संचालित कार्यक्रम पर सार्वजनिक धन का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है, तो वित्तीय गड़बड़ी और कुप्रबंधन की संभावना होती है. शुक्र है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए चेक और बैलेंस मौजूद हैं. यह ध्यान देने योग्य है कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) के तहत 2020-21 के लिए...

More »

एक शताब्दी पहले के मुजारा आंदोलन में अपनी जड़े तलाशता मौजूदा किसान आंदोलन

-कारवां, “मुजारों ने बिस्वेदरी प्रणाली के खिलाफ लड़ाई लड़ी. मौजूदा आंदोलन कारपोरेट पूंजीवाद के खिलाफ है,'' पंजाब के मनसा जिले के बीर खुर्द के किसान किरपाल सिंह बीर ने मुझे बताया. 1920 के दशक में जब पंजाब का बंटवारा नहीं हुआ था, पट्टेदार किसानों ने राजाओं, जमींदारों और ब्रिटिश अधिकारियों से भूमि स्वामित्व अधिकार के लिए आंदोलन किया था. उस आंदोलन को मुजारा आंदोलन के नाम से जाना जाता था. किरपाल...

More »

नाजुक चमोली सिर्फ ऊंचे पहाड़ों से नहीं बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से भी घिरा है

-डाउन टू अर्थ, मुझे खबर मिली तो मैंने तत्काल जोशीमठ की एसडीएम को संपर्क किया, वह दौरे पर निकल गईं। मैंने हैलीपेड की व्यवस्था की और सुबह 10 बजे के बाद से ही हमने वायरलेस के जरिए आपदा नियंत्रण कक्ष से अधिकारियों से बातचीत और आदेशों की घोषणाएं शुरु कर दीं। 7 फरवरी, 2021 की सुबह हरिद्वार के आगे जोशीमठ तक आवाजाही बंद कर दी गई। आस-पास के जिलों में अधिकारियों...

More »

कोविड-19 : क्या टीकाकरण पूर्व स्क्रीनिंग कोमोरबिडिटी या अन्य बीमारी का पता लगाने के लिए पर्याप्त है?

-कारवां, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में 52 वर्षीय वार्ड परिचारक महिपाल सिंह का 17 जनवरी को निधन हो गया. भारत के टीकाकरण अभियान के पहले दिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड का इंजेक्शन लगाने के एक दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई. इंजेक्शन लगने के कुछ समय बाद महिपाल ने अपने बेटे विशाल को अस्पताल से घर ले चलने को कहा था....

More »

एसओई 2021 : 2019 में वायु प्रदूषण के कारण अकेले पांच राज्यों में हुईं 8.5 लाख से ज्यादा मौतें

-डाउन टू अर्थ, वर्ष 2019 में 16.7 लाख मौतों का कारण वायु प्रदूषण रहा है, इनमें 50 फीसदी (851,698) मौतें महज पांच राज्यों में ही हुई है। इन पांच राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान का नाम शामिल हैं (नीचे  एसओई 2021 की सारिणी में विस्तार से देखें)। बड़ी जनसंख्या और प्रति व्यक्ति कम आय वर्ग वाले यह राज्य वायु प्रदूषण के कारण होने वाली समयपूर्व...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close