भोपाल. केंद्र और राज्य सरकार लड़ाई में गरीब पिस रहे हैं। केंद्र के गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं, लेकिन गरीबों के लिए अनाज नहीं है,जबकि सुप्रीमकोर्ट दो साल पहले की कह चुका है कि प्रत्येक बीपीएल परिवार को 35 किलो अनाज हरहाल में मुहैया कराया जाना है। लेकिन गरीबों को बमुश्किल 23 किलो अनाज ही मिल पा रहा है। वहीं राज्य सरकार की लेतलतीफी यह कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश का...
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गोलमाल: हक 15 किलो का, मिल रहा 5 किलो गेहूं
अम्बाला. पिछले महीने बिगड़े हालातों से सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। इस बार भी जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने राशन डिपो में प्रति हरे कार्ड पर 5 किलो के हिसाब से गेहूं अलॉट किया है, जबकि आदेश प्रति कार्ड 15 किलो गेहूं बांटने के हैं। तय है इस बार भी सैकड़ों लोगों को गेहूं नहीं मिलेगा। पिछले महीने भी ऐसा ही हुआ था। जिले में कई राशन डिपो...
More »मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी का गड़बड़झाला
क्या मनरेगा को जस का तस छोड़ा जा सकता है? मनरेगा के मामले में नागरिक-संगठन आखिर इतना हल्ला किस बात पर मचा रहे हैं? क्या ग्रामीण इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता बहुत ज्यादा की मांग कर रहे हैं? क्या यूपीए- II वह सारा कुछ वापस लेने पर तुली है जो यूपीए- I ने चुनावों से पहले दिया था? चुनौती सामने है, मनरेगा गहरे संकट में है। अरुणा राय और ज्यां द्रेज सरीखे...
More »आमजन पर महंगाई का असर नहीं: पवार
जयपुर. एक ओर आम जनता बढ़ती महंगाई से परेशान है तो दूसरी ओर कृषि मंत्री का तर्क है कि आम जनता पर महंगाई का कोई असर नहीं पड़ा है। क्योंकि वर्ष 2002 के बाद से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन सामग्री की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का कहना है कि गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार के चलते अगले माह से बाजार में चीनी की दर कम...
More »विद्यार्थियों का अनाज डकारा
जबलपुर । सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन की दुकानें आरक्षित वर्ग के छात्र-छात्राओं के हॉस्टल के अनाज को दो साल से खुद खा रही हैं। छात्रावासों के लिए जिले से इन दुकानों को गेहूं और चावल का आवंटन हो रहा है, लेकिन दुकानें छात्रावासों के पास राशनकार्ड नहीं होने के बहाने उन्हें कुछ भी सामग्री नहीं दे रही। मजबूरन छात्रावासों को बाजार से अनाज खरीदना पड़ रहा है। यह थी योजना शासन...
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