22 मार्च को किसानों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात" रेडियो पर प्रसारित होगी और देश में खेती-किसानी और कृषकों के हालात सुधारने के बारे में उनके विचारों से मैं अवगत होना चाहूंगा। मैं नहीं जानता कि मेरे विचार उनके किसी निर्णय को बदल अथवा प्रभावित कर सकते हैं या नहीं, लेकिन यहां मैं किसानों की दुर्दशा और परेशानी अवश्य साझा कर सकता हूं। इसके साथ...
More »SEARCH RESULT
दिल्ली में हो सकती है एक नये किस्म के बजट की शुरुआत..
दिल्ली की नव-निर्वाचित आम आदमी पार्टी की सरकार ने वित्त-वर्ष 2015-16 के लिए नागरिक केंद्रित एक ऐसा बजट बना सकती है जिसे मोहल्ला स्तर पर लागू किया जा सकेगा। ब्राजील के शहर पोर्तो अलेगे में नगरपालिका स्तर पर संचालित भागीदारी आधारित बजटिंग की सफलता से प्रेरणा लेते हुए दिल्ली की नई सरकार ने कुछेक निर्वाचन क्षेत्रों में इसे प्रायोगिक आधार पर लागू करने की बात कही है। गौरतलब है कि 2015...
More »किसके अच्छे दिन लाएगा बजट- उपेन्द्र प्रसाद
आगामी बजट सही मायने में नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट होगा, क्योंकि अरुण जेटली द्वारा पेश किया गया पिछला बजट उनके पूर्ववर्ती यूपीए के वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा कुछ महीने पहले पेश किए गए अंतरिम बजट का ही विस्तार था। इस बजट पर देश और दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं और लोग देखना चाह रहे हैं कि मोदी सरकार आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था को...
More »स्पेक्ट्रम नीलामी से भरेगा सरकारी खजाना, मिल सकते हैं एक लाख करोड़ रुपये
नयी दिल्ली: दूरसंचार आपरेटरों ने आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए 20,435 करोड़ रुपये की राशि पेशगी या अग्रिम में जमा कराई है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हासिल हो सकते हैं. कोयला ब्लाकों की नीलामी से भी सरकार को लगभग इतनी ही राशि मिली है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम नीलामी की पूरी राशि के लिए...
More »लूट का अध्यादेश- के सी त्यागी
बाईस दिसंबर को संसद का सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से जहां बिल्डर समुदाय और कॉरपोरेट घराने गदगद हैं वहीं दूसरी ओर किसान फिर पुरानी शंकाओं से भयभीत हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली कुशल अधिवक्ता हैं, वे अपनी सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों को बड़ी चतुराई से शब्दों का ताना-बाना बुन कर किसानों के हित में बताने का विफल प्रयास कर रहे हैं। पर शायद...
More »