लखनऊ। एक दशक पहले तक जीविका के लिए पल्लेदारी, मजदूरी, सिर पर डलिया रखकर सब्जी व फल बेचने वाली निरक्षर भानुमती वनग्राम की महिलाओं व अन्य वर्ग के लोगों की आवाज उठाकर देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार हो चुकी है। उन्हें राष्ट्रपति की ओर से 22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन आने का न्यौता मिला है। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ भोज में शामिल होने के...
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भानमती देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार
लखनऊ। एक दशक पहले तक जीविका के लिए पल्लेदारी, मजदूरी, सिर पर डलिया रखकर सब्जी व फल बेचने वाली निरक्षर भानुमती वनग्राम की महिलाओं व अन्य वर्ग के लोगों की आवाज उठाकर देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार हो चुकी है। उन्हें राष्ट्रपति की ओर से 22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन आने का न्यौता मिला है। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ भोज में शामिल होने के...
More »एक-समान शिक्षा प्रणाली से होगा बेहतर समाज का निर्माण
बेहतर देश के निर्माण के लिए बेहतर समाज का होना पहली शर्त है. किसी भी देश का सतत विकास तभी मुमकिन है, जब वहां के विभिन्न समाज और समुदायों के बीच सौहार्द, शांति व भाईचारा हो. बीता साल 2015 इस लिहाज से कुछ अच्छी यादों के साथ-साथ कई कड़वी यादें भी छोड़ गया है. हाल के दशकों में तेज आर्थिक विकास के बावजूद हमारे समाज में व्याप्त कुछ...
More »धर्म, समाज और स्त्री-- सुभाष गताडे
परंपरा की दुहाई देते हुए या आस्था की बात करते हुए क्या समाज के एक हिस्से के साथ प्रगट भेदभाव किया जा सकता है? यह मसला महिलाओं के प्रार्थना-स्थल तक या उसके सबसे ‘पवित्र हिस्से' तक पहुंचने के बहाने उठता रहा है। अभी ज्यादा दिन नहीं बीते, जब महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का शनि शिंगनापुर मंदिर हंगामे की वजह बना। पुणे के एक सामाजिक संगठन की महिलाओं ने वहां पहुंच...
More »जहां हम सब असहाय हैं-- रंजना कुमारी
हमारे देश में जिस तरह का कानून है, उसमें निर्भया के गुनहगार को बाहर आना ही था। ‘जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट' के तहत अपराधी को तीन साल ही बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है। मगर यहां इस बात पर जरूर गौर किया जाना चाहिए कि पिछले तीन वर्षों में इस अपराधी की मानसिकता में सुधार क्यों नहीं हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह साफ-साफ पूछा कि...
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