जनसत्ता 21 मार्च, 2012: लोकसभा में पिछले वर्ष प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से कोई सहमत हो या असहमत, पर इसके महत्त्च से इनकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा रूप या इससे काफी मिलते-जुलते रूप में यह विधेयक पारित हो गया तो आने वाले अनेक वर्षों तक इसका हमारी खाद्य और कृषि व्यवस्था पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। इसलिए इस विधेयक से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे...
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स्वच्छ यमुना के लिए ‘अन्नागीरी’ पर 74 किसान
इलाहाबाद/नई दिल्ली। यमुना की अविरल निर्मल धारा के लिए जंतर-मंतर पर साधु-संतों व किसानों का अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। यमुना में हथनीकुंड बैराज से पानी छोडऩे व यमुना में नालों को डालने से रोकने की मांग पर रविवार को अनशन पर बैठे साधुओं व किसानों की संख्या ७४ हो गई। शनिवार दोपहर ११ बजे के बाद से प्रदर्शनकारियों व सरकार के बीच किसी तरह का संवाद नहीं है। उम्मीद...
More »100 वर्ष पुराने तालाब का ग्रामीणों ने किया जीर्णोद्धार
चरखी दादरी, जागरण संवाद केंद्र : दादरी उपमंडल के गांव ऊण में 100 वर्ष पुराने पक्के तालाब के जीर्णोद्धार व उसकी सफाई के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान कर सार्थक पहल की। ग्रामीणों ने 2 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन नहर से तालाब तक जोड़कर स्वच्छ पानी भरने की व्यवस्था अपने स्तर पर की है। गांव ऊण के तालाब के जीर्णोद्धार, सफाई व इसमें लबालब स्वच्छ पानी भरने के बाद ग्रामीणों ने...
More »कानकुन समझौताः डूबते को तिनका
स्पेनी में एक कहावत है, ‘माल कैसा भी हो हांक हमेशा ऊंची लगानी चाहिए।’ मैक्सिको के कानकुन शहर में हुए जलवायु सम्मेलन से लौट रहे 194 देशों के मंत्री शायद इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए सम्मेलन में हुए समझौतों की तारीफ़ कर रहे हैं। सम्मेलन के मेज़बान मैक्सिको के राष्ट्रपति फ़िलीपे काल्डिरोन ने कहा कि इस सम्मेलन ने विश्व के नेताओं के लिए धरती को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के...
More »विफलता का दूसरा चक्र कानकुन- महेश राठी
संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों की शुरुआत जहां दुनिया भर के राजनेताओं, पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों के लिए पिघलते हुए ग्लेशियर, जलस्तर बढ़ते महासागरों, धसकते पहाड़ों, बदलते मौसम और गर्म होती धरती की चिंताओं का केंद्र थी, वहीं कोपेनहेगन और कानकुन तक पंहुचते यह चिंता विकसित दुनिया के हितों को साधने की कूटनीतिक चालों को पूरा करने के साधन स्थलों में बदल चुकी थी। अंततोगत्वा इस नीले ग्रह को बचाने...
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