मीडिया को लेकर देश के लगभग सभी राजनीतिक दल इस समय परेशान हैं। अधिकांश विपक्षी दल भी कम से कम इस एक मुद्दे पर तो सरकार के साथ हैं कि मीडिया पर लगाम लगाने की जरूरत है। सत्तारूढ़ सरकारें समय-समय पर मीडिया को कसने के प्रयोग करती रही हैं। आपातकाल के दौरान भी विपक्ष के पैरों में बेड़ियां व मीडिया के हाथों में चूड़ियां पहनाई गई थीं। मीडिया का एक प्रभावशाली वर्ग...
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महात्मा के दो सिपाही : गोपालकृष्ण गांधी
समय सिकुड़ रहा है, तारीखें तंग होती चलती हैं। अक्टूबर को ही देखिए, त्योहारों-तिथियों से खचाखच है। उसकी दो तारीख न सिर्फ महात्माजी की जयंती है, लाल बहादुर शास्त्री की भी है। फिर अक्टूबर 2 को ही, 1975 में, कुमारस्वामी कामराज का आकस्मिक देहांत हुआ था। वह उस कर्मठ नेता की पुण्यतिथि भी बनती है। इतिहास में रुचि रखने वालों के दिलों में अक्टूबर 31 की एक अपनी पहचान है :...
More »गरीबी और अमीरी का पैमाना : हर्ष मंदर
मई की एक तपती हुई दोपहर को मैं नई दिल्ली में योजना आयोग भवन के सामने एक विचित्र विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित हुआ था। प्रदर्शनकारी तख्तियां लहरा रहे थे, जोशोखरोश से नारे लगा रहे थे, लेकिन साथ ही वे देश की शीर्ष योजना निर्मात्री संस्था के सदस्यों के लिए कुछ ‘भेंट’ भी लेकर आए थे। उनकी भेंट ठुकरा दी गईं और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को पुलिस ने मामूली झड़प के बाद...
More »गरीबी और अमीरी का पैमाना- हर्षमंदर
मई की एक तपती हुई दोपहर को मैं नई दिल्ली में योजना आयोग भवन के सामने एक विचित्र विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित हुआ था। प्रदर्शनकारी तख्तियां लहरा रहे थे, जोशोखरोश से नारे लगा रहे थे, लेकिन साथ ही वे देश की शीर्ष योजना निर्मात्री संस्था के सदस्यों के लिए कुछ ‘भेंट’ भी लेकर आए थे। उनकी भेंट ठुकरा दी गईं और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को पुलिस ने मामूली झड़प के बाद...
More »सरकार बनाम सिविल सोसायटी- कुलदीप नैयर
भारत में सिविल सोसाइटी सरकार को एक गतिशील जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार कराने में सफल नहीं हो सकी। फिर भी इस गतिविधि के मुख्य केंद्र गांधीवादी अन्ना हजारे ने आंदोलन तथा अनशन की जो चेतावनी दी है, उसने सरकार के मन में परमात्मा का भय तो बैठा ही दिया। उसने अपने परिवेश की स्वच्छता की दिशा में शुरुआत कर दी है। दो दूरसंचार मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने को बाध्य किए...
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