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हर स्कूल की दीवार पर लिखे जाएंगे राइट टू एजुकेशन एक्ट के नियम : अंकित शर्मा

जालंधर. शिक्षा विभाग ने अब राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के अधिकारों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए विभाग की तरफ से आरटीई वॉल पेंट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इसमें राज्य भर के प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों की दीवारों के बाहर ब्लैक बोर्ड का निर्माण करवाया जाएगा। इस पर आरटीई के तहत बच्चों के लिए लाजिमी शिक्षा व पूर्ण शिक्षा के अधिकारों को अंकित...

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बीपीएल परिवार को शौचालय के लिए 3200

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को घर में शौचालय निर्माण के लिए अब 3200 रुपये की सहायता दी जाएगी। यानी पहले से एक हजार रुपये अधिक मिलेंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में गुरुवार को इसे मंजूरी दे दी गई। बढ़ी हुई राशि 1 जून से लागू मानी जाएगी। बीपीएल परिवारों को अपने घरों में शौचालय निर्माण के...

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गांधी जिंदा होते तो भ्रष्टाचार से धन कमाते या राजनीति छोड़ देते: कुमारस्वामी

नई दिल्ली. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी का कहना है कि मौजूदा हालात में यदि महात्मा गांधी होते तो वह भी भ्रष्टाचार के भंवरजाल से निकलने का रास्ता नहीं ढूंढ पाते। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को चलाने के लिए काफी धन की जरूरत होती है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने का यही मुख्य वजह है। बेंगलुरु से करीब 370 किलोमीटर दूर हुबली में जनता दल ( सेक्युलर ) के नेता कुमारस्वामी...

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विस्थापन

खास बातें-     दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...

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खाद-बीज के लिए हाहाकार

रबी सीजन शुरू होते ही हर साल की तरह इस सत्र में भी खाद-बीज के लिए हाहाकार मचने लगा है। खाद-बीज के उपलब्धता के शासन व प्रशासन के दावे बेकार साबित हो रहे हैं। पंचायत चुनाव और उसके बाद दीवाली की छुट्टियों के नाते सभी सहकारी समितियों और कृषि विभाग के गोदामों पर अभी खाद-बीज पहुंचा नहीं। जो पहुंचा वह कब और कहां बंट गया किसी को पता नहीं। हमारे गगहा...

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