-न्यूजलॉन्ड्री, राष्ट्रीय राजधानी में काम के अवसरों पर ताला लगते ही मजदूरों की बड़ी संख्या वापस अपने गांव-कस्बों में पहुंच चुकी है. लेकिन कुछ ऐसे भी मजदूर परिवार थे जो पुलिसिया सख्ती के कारण दिल्ली की सीमा को भेद नहीं पाए. आखिर यह सभी कहां हैं और कोरोना विषाणु से भयभीत इस दुनिया में उनके लिए क्या इंतजाम हो पाए हैं? "सर, यह रैनबसेरा काट रहा है? दो दिन हो गए. घर-परिवार...
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सरकार जानती है, मजदूर बुरा नहीं मानते। लौट कर आएंगे, और कहां जाएंगे!
-जनपथ, श्रम, उत्पादन और निर्माण की प्रमुख धुरी है. श्रमिकों के बगैर इस दुनिया के गढ़े जाने की कल्पना नहीं की जा सकती. बावजूद इसके, पूंजीवादी व्यवस्था में श्रमिक हाशिये पर हैं. हर आने वाली सरकार ने श्रम कानूनों को लघु से लघुतर बनाया है. कार्यस्थलों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं के अभाव में दुर्घटनाओं में मजदूरों का मरना बदस्तूर जारी है. बुनियादी सुविधाओं की मांग, हड़ताल, यूनियन, सब जैसे बीते जमाने की बातें...
More »एमपी/हरियाणा: मंडी में 80 कुंतल सरसों लेकर पहुंचे किसान से 32 किलो लेकर वापस लौटाया, कर्ज वसूली पर छूट फिर भी काट रहे पैसे
-गांव कनेक्शन, फोन पर जैसे ही मैसेज आया कि आप अपनी फसल लेकर मंडी आ जाइये, बहादुर सिंह खुश हो गये। फटाफट गांव से मजदूरों को बुलाया और ट्रैक्टर पर 25 कुंतल सरसों लेकर मंडी पहुंच गये, लेकिन खुशी तब निराशा में बदल गई जब मंडी में उनसे केवल 64 किलो सरसों ही खरीदा गया। देश की कई प्रदेश सरकारों ने लॉकडाउन में छूट देते हुए गेहूं और सरसों की सरकारी खरीद...
More »700 से ज़्यादा परिवारों तक सीधा खेतों से पहुंचा रहे हैं ताज़ी सब्जियां
-द बेटर इंडिया, बाज़ार और दुकानें कई दिनों से बंद हैं। ऐसी परिस्थिति में देश भर के किसानों को वित्तीय हानि के साथ-साथ फसलों के नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। कर्नाटक के किसान, श्रीधर की बात करें तो देश भर में कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए 24 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण उन्हें अबतक तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के पहले...
More »कृषि मंत्रालय के अनुसार देशभर में लॉकडाउन के बीच गेहूं की 67 फीसदी कटाई पूरी
-आउटलुक, कोरोना वायरस महामारी के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए देश में अब तक गेहूं के कुल 310 लाख हेक्टेयर रकबे के 67 फीसदी की कटाई की जा चुकी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार मौजूदा अनिश्चितता के बीच कृषि संबंधी कार्य उम्मीद बढ़ाने वाली गतिविधियां है, जो देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है। पूरे देश में किसान और खेतिहर मजदूर सभी विपत्तियों...
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