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सेंधवा क्षेत्र में एक-एक रुपया इकट्ठा कर 6 दिन में बना दिए 4 तालाब

सेंधवा (बड़वानी)। 'जहां चाह है, वहां राह है", यह कहावत सेंधवा जनपद पंचायत के आदिवासी बहुल ग्राम मेंदलियापानी के लोगों ने चरितार्थ कर दी है। प्रतिवर्ष गर्मी में जल संकट से परेशान होने वाले ग्रामीणों ने प्रति परिवार प्रतिदिन एक-एक रुपया इकट्ठा कर जनसहयोग से ग्राम में 4 निस्तार तालाब बना दिए। अब जल स्तर बढ़ने से गर्मी में पेयजल की दिक्कत खत्म हो सकेगी। आसपास के 30 से अधिक खेतों...

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बराबरी के दंगल में न आएं स्त्रियां--

पिछले दिनों लड़कियों और महिलाओं द्वारा बीयर पीने पर गोवा के मुख्यमंत्री के वक्तव्य पर आयी लड़कियों-महिलाओं की प्रतिक्रियाएं और तस्वीरों के प्रदर्शन अखबारों में देखकर बहुत पुरानी घटना स्मरण हो आयी. साल 1977 की बात है. मैं बिहार से दिल्ली रहने आयी ही थी. मुझसे 7-8 वर्ष पूर्व दिल्ली आयी एक रिश्तेदार महिला से बात हो रही थी. उसने कहा- ‘मेरी तबियत खराब हो गयी थी. दरअसल होली का...

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डीएम ऑफिस के बाहर दलित किसान ने खुद को आग लगाई

अहमदाबाद। सरकार से जमीन वापस नहीं मिलने से हताश एक युवा दलित किसान ने पाटण में जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय के बाहर खुद पर केरोसीन छिड़क कर आग लगा ली। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत आग बुझाई लेकिन तब तक वह काफी झुलस चुका था। युवक को तुरंत ही निकट के अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे अहमदाबाद रेफर कर दिया गया। उसकी हालत अभी गंभीर बनी है। दलित नेता...

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गेर्रागुड़ा : यहां आधी आबादी दिव्यांग, 30 की उम्र में लाठी का सहारा

भोपालपट्टनम, बीजापुर । भूगर्भीय जल में फ्लोराइड की अधिकता अंचल के कई गांवों के युवाओं को तीस साल की उम्र में ही लाठी थामने के लिए विवश कर दिया है। ऐसा ही एक गांव गुल्लागेटा पंचायत का गेर्रागुड़ा भी है। यहां पेयजल में फ्लोराइड की अधिकता ने गांव की आधी आबादी को दिव्यांग की श्रेणी में ला खड़ा किया है। स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से पीने लायक पानी का बंदोबस्त...

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शहरीकरण के बढ़ते खतरे--- देवेंद्र जोशी

अनियोजित शहरीकरण आज किसी एक प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। आजादी के सत्तर सालों में जहां कस्बे शहर, शहर नगर और नगर महानगर बनते चले गए, वहीं गांवों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। गांव आज भी गांव ही है। वही आबोहवा, आंचलिक संस्कृति, एक-दूसरे के सुख-दुख में हिस्सा बंटाने का आत्मीय भाव, अभाव में भी संतुष्टि और इस सबसे बढ़ कर छोटी-सी घटना...

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