जोधपुर. दुनिया भले ही चांद पर पहुंच गई, लेकिन चांदेलाव की उमराव को आज भी एक मटकी पानी के लिए 65 फीट नीचे बेरी में उतरना पड़ता है। सरकार भले ही हजारों दावे करे लेकिन करीब 600 घरों वाले इस गांव की तो यही कहानी है। दिन में ये बेरी सूखी रहती है और शाम के बाद इसमें पानी रिसना शुरू होता है। लोग तड़के मुंह अंधेरे लालटेन की रोशनी में यहां उतरते हैं और...
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मनरेगा में करोड़ों का फर्जीवाड़ा
भोपाल। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (नरेगा ) जो अब महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के नाम से जानी जाती है। इस योजना का उद्देश्य था कि क्षेत्र के मजदूरों को अपने ही गाव में काम मिले और वे पलायन नहीं कर सकें, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से काम मशीनों द्वारा करा लिए जाते है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल पाता। इस कारण गरीब परिवार काम के सिलसिले में...
More »डाकिया डाक लाया- रस्किन बांड
देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों और एकांत पहाड़ों पर, जहां ऐसी सड़कें नहीं हैं कि गाड़ियां आ-जा सकें, वहां आज भी डाकिए पैदल चलकर डाक पहुंचाने जाते हैं। वे प्रतिदिन पांच-छह मील पैदल चलते हैं। सच है कि वे पुराने हरकारों की तरह दौड़ते नहीं और रास्ते में कभी-कभार चाय पीने या ताश खेलने के लिए रुक भी जाते हैं, लेकिन ये डाकिए आज भी पुराने जमाने के हरकारों की याद दिलाते हैं। डाकियों ने हमेशा...
More »नदियां बन गयीं नाला कैसे रुकेगा पानी
रांची : कंकरीट का बढ़ता जंगल जीवन देनेवाले जलस्रोतों को नुकसान पहुंचा रहा है. प्राकृतिक जल चक्र पूरा नहीं हो पा रहा है. बादल नहीं बन रहे हैं. नदियों का प्रवाह रुक गया है. अधिकतर नदियों ने बरसाती नालों का प ले लिया है. नदियों के किनारों पर कभी दिखाई देनेवाली हरियाली गायब हो गयी है. आलम यह है कि नदियों के आसपास के क्षेत्रों में भी भूमिगत जलस्रोत पाताल तक पहुंच गये हैं. कई...
More »बारिश न होने से खेती प्रभावित
कोलकाता। एक तो गर्मी उस पर जल का अभाव, मानों जिलों में किसानों पर कहर टूट पड़ा हो। गर्मी बढ़ने व बारिश नहीं होने से जिलों में धान व सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। जल के अभाव में सब्जियां खेत में ही सूख जा रही हैं, जबकि धान की सिंचाई को भी पर्याप्त जल नहीं मिल रहा है। अत्यधिक गर्मी की वजह से परवल, करैला, झींगा, मिर्च आदि के पौधों के...
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