धनबाद : कोयलांचल में पिछले एक पखवारा से ढंग से बारिश नहीं हुई है. इससे न केवल गरमी पहले की तरह बढ़ गयी है, बल्कि फसल लगे खेत भी सूख गये हैं. बाडि़यों में मकई के बाद लगने वाली सब्जी की खेती के लिए किसान जोताई तक नहीं कर पा रहे हैं. बाड़ी पूरी तरह सूख गयी हैं. वहीं दूसरी ओर, धान लगे खेतों में पानी सूख गया है. अलबत्ता...
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सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार
जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...
More »आखिर किस कीमत पर विकास? - एमएम बुच
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत में तीव्र आर्थिक विकास और औद्योगीकरण आवश्यक है, किंतु उत्पादन की गुणवत्ता इतनी ऊंची होनी चाहिए कि विश्व भर में उसकी ख्याति हो। साथ ही विकास एवं औद्योगीकरण पर्यावरण के अनुकूल हो। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए कि विकास के कारण पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। यूपीए सरकार से यह शिकायत रहा करती थी कि भू-अर्जन नीति...
More »ऋषि वैज्ञानिक की स्मृति!- हरिवंश
मंगल ग्रह पर ‘मॉम' (भारतीय अंतरिक्ष उपग्रह) के सफल प्रक्षेपण के संदर्भ में, प्रोफेसर सतीश धवन के नाम की चर्चा हुई. दरअसल, इस सफलता की नींव में प्रोफेसर सतीश धवन जैसे वैज्ञानिक ही हैं. उनके चरित्र, जीवन और कर्म को जानना हर भारतीय के लिए जरूरी है, ताकि वह इस उपभोक्तावादी माहौल में सफलता का मर्म जान सकें. आज हर भारतीय, खासतौर से युवा सफलता के एवरेस्ट पर पहुंचने को...
More »सीएम ने कहा, ऐसे बीज विकसित करें जो प्राकृतिक आपदा झेल सकें
वैभव श्रीधर, भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सातवें राष्ट्रीय बीज सम्मेलन में कहा कि हमें ऐसे बीज विकसित करना चाहिए जो प्राकृतिक आपदा झेल सकें। प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलें बरबाद हो जाती हैं और इससे किसान को काफी नुकसान होता है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के संबोधन के बीच शार्टसर्किट से धमाका भी हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बीज को विकसित करना चाहिए जो कम अवधि वाली फसलें...
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