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आरटीआइ के तहत सूचना मांगने की वजह बताएं: मद्रास हाई कोर्ट

नई दिल्ली। सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) पर दूरगामी असर डालने वाले एक फैसले में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि आरटीआइ आवेदकों को सूचना मांगने की वजह बतानी चाहिए। साथ ही उसने एक प्रमुख मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के खिलाफ शिकायत पर पंजीयन कार्यालय को फाइल नोटिंग उजागर करने से भी छूट दे दी है। जस्टिस एन पॉल वसंतकुमार और के रविचंद्रबाबू के खंडपीठ ने कहा कि किसी भी आवेदक को...

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‘हिंदी प्रदेश’ की पहचान के मायने- शैबाल गुप्ता

शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...

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अंतहीन यातनाओं से गुजरते विचाराधीन कैदी- सुभाष गताडे

पिछले दिनों विचाराधीन कैदियों का मसला तब सुर्खियों में आया, जब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने देश की अलग-अलग जेलों का अध्ययन कर बताया कि भारत में 65 फीसदी से ज्यादा कैदी विचाराधीन मामलों में बंद हैं। उसने विचाराधीन कैदियों की संख्या के मामले में भारत को दुनिया के 10 सबसे 'खराब' देशों में शामिल किया है। वर्ष 2012 तक उपलब्ध राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, जेलों में 2.5...

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मप्र के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, बालश्रम-बंधुआ मजदूरी के भी शिकायतें मिली हैं : आयोग (?

भोपाल। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने मप्र के स्कूलों की स्थिति पर नाराजगी जताई है। साथ ही उन्होंने मप्र में आयोग के अध्यक्ष पद के खाली होने पर भी सवाल खड़े किए। वे शुक्रवार को प्रशासन अकादमी में प्रेस को संबोधित कर रहे थे। बालाकृष्ण ने मप्र मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद के खाली होने पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने...

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आधी सजा भुगती, अब पूरा इंसाफ - जगदीप धनकड़

गत सप्ताह सर्वोच्च अदालत ने उन विचाराधीन कैदियों की रिहाई के आदेश दिए, जो उन पर लगाए गए आरोपों के लिए निर्धारित सजा की आधी अवधि पहले ही काट चुके हैं। इस निर्णय के बाद अब लगभग दो लाख कैदी जेल से मुक्त हो सकेंगे। इनमें से अधिकतर गरीब, अशिक्षित या अर्द्धशिक्षित हैं और ये बहुत मामूली अपराधों के चलते जेल की सजा काटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हें...

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