‘खेतों और फैक्टरियों में काम करने वाले हर मजदूर और कामगार को कम से कम इतना अधिकार तो है ही कि वह इतनी मजदूरी पाए कि अपना जीवन सुख-सुविधा से बिता सके..।’ वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण दे रहे जवाहरलाल नेहरू ने यह बात कही थी। इसके नौ दशक बाद स्वतंत्र भारत की केंद्र सरकार ने कहा कि लोककार्य के लिए कानून द्वारा स्थापित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान...
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जन्म से बंधी सामाजिक बेड़ियां : हर्ष मंदर
लाखों महिलाएं, पुरुष और बच्चे आज भी उन अपमानजनक सामाजिक बेड़ियों में बंधे हुए हैं, जो उनके जन्म से ही उन पर लाद दी गई थीं। आधुनिकता की लहर के बावजूद आज भी भारत के दूरदराज के देहातों में जाति व्यवस्था जीवित है। यह वह व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति के जाति विशेष में जन्म लेने के आधार पर ही उसके कार्य की प्रकृति या उसके रोजगार का निर्धारण कर...
More »पांच लाख गांवों को इंटरनेट से जोड़ेगी सरकार
नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को विश्वास जताया कि अगले दो साल में देश के पांच लाख गांवों को इंटरनेट ब्राडबैंड सेवाओं के लिए राष्ट्रीय आप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क [एओएफएन] से जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण विकास और दूरसंचार विभाग की योजनाओं से पैसे की मदद करने का विचार है। दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज यहां कि इस संबंध में गठित पित्रोदा समिति का मानना है कि इस कार्यक्रम...
More »बताने होंगे जाति, धर्म - सार्वजनिक नहीं होंगे आंकड़े -
नयी दिल्ली : कैबिनेट ने जाति और धर्म आधारित जनगणना को मंजूरी दे दी. ग्रामीण और शहरी इलाकों में गरीबी रेखा से नीचे रहनेवालों की गणना को भी मंजूरी मिल गयी. गणना का काम जून से शुरू होगा. दिसंबर तक खत्म हो जायेगा. इस पर करीब 3500 करोड़ खर्च होंगे. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने यह जानकारी...
More »मौत की बड़ी वजह आधुनिक जीवनशैली
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने 2011 की रिपोर्ट में कहा कि आधुनिक जीवन शैली की वजह से लोग कई बीमारियों की चपेट में हैं. सही खान-पान नहीं होने और बेतरतीब रहन-सहन से लोगों में हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां तेजी से फ़ैल रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये बीमारियां अब गरीब देशों को अपनी गिरफ्त में ज्यादा ले रही हैं. इसके लिए इन सरकारों को अपनी चिकित्सा...
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