भोपाल। गर्मी के आते ही शहर में पानी की किल्लत शुरू हो गई है और नगर निगम मुख्यालय में अधिकारी अभी जल संकट से निपटने की योजना भी नहीं बना पाए हैं। करोद जैसी घनी आबादी में पानी की खरीदी बिक्री का खेल शुरू हो गया है। शहर में बढ़ते नलकूपों के खनन ने भूजल स्तर को ऐसा ग्रहण लगाया है कि कई बस्तियों में पानी के लिए हाहाकार की स्थिति बन रही है। जानकारी...
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‘अब हर किसी को गेहूं और चावल चाहिए’- शरद पवार
सुबह के आठ बजे हैं. लेकिन 69 वर्षीय भारत के कृषि मंत्री शरद पवार अपने दिल्ली स्थित घर में बने ऑफिस में व्यस्त हो चुके हैं...अनाज और सब्जियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के मुद्दे पर आलोचनाओं से घिरे पवार ने अजित साही और राना अय्यूब से उनके कार्यकाल में कृषि नीतियों पर काफी लंबी बात की. साक्षात्कार के अंश यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन यूपीए जब सत्ता...
More »इस हौसले का जवाब नहीं
गोरखपुर [संवाद सहयोगी]। उनका पैर नहीं है। मगर मनो बोझ लादे ठेला लेकर चलते हैं। शरीर चौथेपन में पहुंचा है मगर हौसला ऐसा कि जवान भी मात खा जायं। 65 वर्ष की उम्र है, यह काम नहीं आराम की उम्र है पर कुछ पूछिये तो मुस्कराते हुए कहते हैं अभी तो मैं जवान हूं। यह कहानी रामचंद्र चौहान की है। जिनका एक पैर नहीं है। एक पैर से ही ठेला खींचते हैं। वह भी...
More »अंधेरे में ज्ञान का दीपक
धर्मशाला, बड़सर [संजय गोस्वामी]। आइए! यह शिक्षा का मंदिर है, जहा ज्ञान का प्रकाश बिखरता है। लेकिन अंधेरे में रहना इसकी नियति बन गई है। ठहरिए.! यह स्कूल हाई प्रोफाइल जिले हमीरपुर का है, जिसका प्रदेश सरकार और साक्षरता में अच्छा-खासा दखल है। मुख्यमंत्री यहीं से हैं तो शिक्षा मंत्री भी। लेकिन स्कूल के प्रभावशाली बायोडाटा का क्या लाभ जब नौ साल से यहा बिजली का मीटर ही नहीं लगा। यूं कहें कि शिक्षा का मंदिर...
More »तो सूख जाएंगे सेब के छह लाख पौधे
सलूणी : ग्लोबल वार्मिग के असर के चलते प्रतिदिन बढ़ रहे तापमान के कारण विकास खंड सलूणी के बागवानों को सेब की उपज को लेकर चिंता सताने लगी है। उपमंडल सलूणी के बागबानों को चिंता सता रही है कि जिस प्रकार ग्लोबल वार्मिग के असर के चलते विगत वर्ष सेब की उपज के लिए 7 डिग्री से नीचे का तापमान पूर्ण नहीं हो पाया था और सेब की पैदावार कम हुई थी। उसी प्रकार...
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