टाइम ’ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर छपे लेख ‘द अंडरएचीवर ’ पर पूरी भारतीय राजनीति में तीखी बहस हुई. पर इसी लेख में एक अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी हैं. भारतीय संसद पर. दरअसल, भारतीय राजनीति में संवेदना, चरित्र और सिद्धांत शीर्ष होते, तो बवाल या बवंडर इस अंश पर होना चाहिए था. यह टिप्पणी सब पर है, पक्ष-विपक्ष समेत पूरी राजनीति पर. संसद कितना कामकाज करती है? गुजरे सत्र में सिर्फ...
More »SEARCH RESULT
आजाद देश की गुलाम किशोर आबादी ?
एक अरब इक्कीस करोड़ की आबादी वाले भारत में 20 फीसदी व्यक्ति किशोर उम्र (10-19साल) के हैं, मतलब किसी भी अन्य देश के किशोरवय लोगों की संख्या की तुलना में ज्यादा।( भारत में इस उम्र के लोगों की कुल तादाद 24 करोड़ 30 लाख है जबकि चीन में किशोरवय लोगों की संख्या तकरीबन 20 करोड़ है।) हरियाणा के बागपत और असम के गुवाहाटी से आने वाले महिला-उत्पीड़न की खबरों के बीच यह जानना महत्वपूर्ण...
More »भूखे पेट सोते लोगों की सुध नहीं - बाबूलाल नागा
हाल में देश में बर्बाद हो रहे अनाज को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि उन अधिकारियों की तनख्वाह काट ली जानी चाहिए जिनकी वजह से अनाज सड़ता है। अदालत ने कहा कि एफसीआई या राज्य के गोदामों में अनाज ठीक ढंग से नहीं रखा जाता है। ऐसे में निगरानी विभाग और पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को उन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले...
More »ब्राजील की झुग्गियों में हुए भारत के दर्शन
भारत और ब्राजील दोनो विकासशील देश हैं और कई मामलों में दोनो देशों में कई समानताएँ हैं. ब्राज़ील के रियो दी जनेरो शहर में कोपाकबाना और इपानेमा इलाकों के बीच में स्थित है कांटागालो हिल इलाका जहां तक पहुंचने के लिए लिफ्ट है. इस झुग्गी-झोपड़ी इलाके तक पहुंचने का ये नया साधन है. यहाँ भारतीय लेखक सुकेतु मेहता भी पहुँचे. लिफ़्ट से इस इलाके का जायज़ा कर रहे मेहता कहते हैं, "अगले पांच-दस...
More »भूख के खिलाफ अधूरी जंग- तवलीन सिंह
उस बच्चे की तसवीर इतनी भयानक, इतना दिल दहला देने वाली थी, कि मुंबई शहर में सिर्फ एक अखबार ने उसे छापा अपने पहले पन्ने पर। यह तसवीर उस दिन छपी, जब महाराष्ट्र की सरकार ने पिछले सप्ताह स्वीकार किया कि बीते वर्ष 24,000 बच्चे कुपोषण के कारण मर गए, भारत के इस सबसे विकसित राज्य में। महिला एवं शिशु विकास मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने विधानसभा को एक लिखित जवाब...
More »