हाल में हुई जोरदार बारिश ने अन्य फसलों सहित सोयाबीन को काफी फायदा पहुंचाया है। जिससे मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ने के आसार हैं। इसका सीधा असर सोया तेल और सोयाबीन के दामों में देखने को मिल रहा है। सोया तेल के दाम पिछले दो हफ्तों में दस फीसदी तक गिर गए हैं। पहले बारिश की कमी से फसल को नुकसान होने का अंदेशा था। अगस्त के मध्य...
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अच्छी बारिश से बढ़ सकता है चीनी उत्पादन
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि देरी से आए मानसूनी बारिश के दौर से देश में गन्ने की फसल को फायदा होने की संभावना है। इससे चीनी उत्पादन पिछले अनुमान से 10 फीसदी बढ़ सकता है। एक अक्टूबर से शुरू होने वाले विपणन वर्ष में सरकार ने 160 से 170 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान पहले लगाया था। उत्पादन में बढ़ोतरी से चीनी आयात की...
More »बेशुमार जुगनुओं की जरूरत
दुनिया वित्तीय संकट के भंवर में फंसी है. मगर भारत की हालत फिर भी कई अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है. क्या है इसकी वजह? कैसा हो आगे का रास्ता? अरूण मायरा का आलेख नियाभर में फैल चुका आर्थिक संकट अमेरिका में घर बनाने के लिए दिए गए बेहिसाब कर्ज के डूबने से शुरू हुआ. वहां के वित्तीय संस्थानों ने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पहले तो बिना सोचे-समझे कर्ज दिया. इसके बाद...
More »दुष्काल, अकाल, सूखा सबके जिम्मेवार हम ही
आने वाले 15 वर्षों में भारत के खाद्यान्न का कटोरा अर्थात पंजाब और हरियाणा सूखाग्रस्त हो जाएंगे। वहां की धरती में सिंचाई के लिए पानी नहीं रह जाएगा। केंद्रीय भूमिगत जल बोर्ड की 2007 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2025 में सिंचाई के लिए भूमिगत जल उपलब्धता ऋणात्मक हो जाएगी। उदाहरण के लिए पंजाब में जितना जल जमीन में समाता है उससे 45 प्रतिशत अधिक जल खींच लिया जाता...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
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