बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली मण्डल के चार जिलों में इन दिनों मेथा जापानी पुदीने उगाने का प्रचलन बढ़ रहा है। आधिकारिक सूत्नों ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मण्डल के चारों जिलों बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर में मेंथा पिपरेटा की पैदावार पहले से की जा रही थी लेकिन किसानों का रुझान जापानी पुदीने की ओर होने के बढ़ने के बाद क्षेत्न के किसानों की आर्थिक स्थित पहले की अपेक्षा बेहतर...
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अंधेरे में ज्ञान का दीपक
धर्मशाला, बड़सर [संजय गोस्वामी]। आइए! यह शिक्षा का मंदिर है, जहा ज्ञान का प्रकाश बिखरता है। लेकिन अंधेरे में रहना इसकी नियति बन गई है। ठहरिए.! यह स्कूल हाई प्रोफाइल जिले हमीरपुर का है, जिसका प्रदेश सरकार और साक्षरता में अच्छा-खासा दखल है। मुख्यमंत्री यहीं से हैं तो शिक्षा मंत्री भी। लेकिन स्कूल के प्रभावशाली बायोडाटा का क्या लाभ जब नौ साल से यहा बिजली का मीटर ही नहीं लगा। यूं कहें कि शिक्षा का मंदिर...
More »इस हौसले का जवाब नहीं
गोरखपुर [संवाद सहयोगी]। उनका पैर नहीं है। मगर मनो बोझ लादे ठेला लेकर चलते हैं। शरीर चौथेपन में पहुंचा है मगर हौसला ऐसा कि जवान भी मात खा जायं। 65 वर्ष की उम्र है, यह काम नहीं आराम की उम्र है पर कुछ पूछिये तो मुस्कराते हुए कहते हैं अभी तो मैं जवान हूं। यह कहानी रामचंद्र चौहान की है। जिनका एक पैर नहीं है। एक पैर से ही ठेला खींचते हैं। वह भी...
More »मौसम में उतार-चढ़ाव से फसलों को नुकसान
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : मौसम के मिजाज में चल रहे उतार-चढ़ाव की मार अब चने की फसल पर पड़ने लग गई है। चने की अगेती और मटर की पछेती फसल में फली छेदक कीट का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसका सीधा असर चने के उत्पादन पर पड़ेगा। कृषि विशेषज्ञों की राय में यह फली छेदक कीट का शुरुआती दौर है, अभी से बचाव किया गया तो फसल में होने वाले नुकसान को कम...
More »हमारी नादानी से नदारद न हो जाएं नदियां
इसे अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परंपरा, हमारे यहा मेले नदियों के तट पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहा तक कुंभ का सवाल है, वह तो नदियों के तट पर ही लगते हैं। आस्था के वशीभूत लाखों-करोड़ों लोग आकर उन नदियों में स्नानकर पुण्य अर्जित कर खुद को धन्य समझते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि वे उस नदी के जीवन के बारे में कभी भी नहीं सोचते।...
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