संतोष यादव, भिलाई। एक पौराणिक कहावत है, ग्रीष्म में जो सरोवर सदानीरा रहते हैं, उन सरोवरों के निर्माता स्वर्ग का अक्षय सुख भोगते हैं। क्या आपके गांव, आपके शहर में है ऐसा कोई तालाब, ऐसा सदानीरा सरोवर? छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ऐसा एक तालाब है। पहुनाई में चरण पखारने वाले कंडरका गांव के बाशिंदे पानी को भी पूजते हैं। यही कारण है कि वे अपने जलाोतों का संरक्षण पूरे...
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पढ़ाई का परिदृश्य-- कालू राम शर्मा
हम आज भी मैकाले को खलनायक के रूप में याद करते नहीं थकते हैं। अंगेजों के राज में एक खास प्रकार की शिक्षा-व्यवस्था रची गई थी, जो तब अंग्रेजी राज की जरूरतों के मुताबिक थी। आजादी पाने के पहले ही गांधीजी उस शिक्षा-व्यवस्था से न केवल व्यथित थे, बल्कि उनमें एक आक्रोश था और इसका उन्होेंने हल भी खोजा कि शिक्षा ऐसी हो जो देश की सामाजिक स्थिति और यहां...
More »ऊंची इमारतों से झांकती समस्याएं -- अभिषेक कुमार सिंह
दुनिया में बढ़ते शहरीकरण के मद््देनजर, इमारतों के निर्माण के लिए ‘फ्यूचर इज वर्टिकल' यानी भविष्य आसमान की ओर देखने में है, यह जुमला काफी समय से कहा-सुना जा रहा है। नगरों के नियोजन और रखरखाव से जुड़े योजनाकारों का मत है कि भारत को भी अब ऊंची इमारतों के निर्माण के जरिए आवास की जरूरतों को पूरा करना चाहिए। कई अन्य देशों की तरह भारत में भी यह चलन...
More »कृषि संकट के बीच उम्मीद की नई कोपलें - देविंदर शर्मा
नए वर्ष की तरफ बढ़ते हुए कुछ ऐसे कदमों से शुरुआत करते हैं, जो कृषि के क्षेत्र में छोटी ही सही, लेकिन उम्मीद बंध्ााते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह किसानों को मुफ्त में कृषि आदान जैसे बीज और फर्टिलाइजर वगैरह देगी ताकि लागत कम हो सके। मध्य प्रदेश में भावांतर योजना आरंभ हुई ताकि किसानों को समर्थन मूल्य व उनके विक्रय मूल्य के अंतर...
More »किसानों के साथ 6 माह बिताए, अब खेती को ही करियर बनाएंगे 70 विद्यार्थी
जबलपुर। खेतों में खाद, पानी, जुताई, बुआई और कीटनाशक के छिड़काव के काम में 70 विद्यार्थी ऐसे रमे कि अब उन्होंने खेती में ही करियर बनाने का मन बना लिया है। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि ने 385 छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के बाद खेतों में काम करने भेजा तो उन्होंने न सिर्फ परंपरागत खेती सीखी बल्कि किसानों को ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, मिट्टी परीक्षण, प्रसंस्करण के उन्नात तरीके भी बताए। छात्राओं...
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