नई दिल्ली. केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा भ्रष्ट बाबुओं पर लगाम कसने के बावजूद उनके खिलाफ शिकायतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अप्रैल में आयोग के पास 1688 शिकायतें पहुंची हैं जो पिछले माह से 533 ज्यादा हैं। वहीं, आयोग ने कुल 95 अफसरों पर जुर्माना लगाने का सुझाव दिया है। तेजी दिखाते हुए आयोग ने 1266 शिकायतों को आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्रीय विजिलेंस अफसरों के पास भेज दिया है। 285 शिकायतों...
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मजदूरों की कमी ने खींची चिंता की लकीरें
जागरण संवाददाता, कपूरथला; धान की बिजाई के शुरू होने से पहले मजदूरों की कमी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। गौर हो कि राज्य में 10 जून से धान की बिजाई शुरू हो जानी है, लेकिन अभी तक मजदूरों की बेरुखी दस्तक ने किसानों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। देश भर में चल रही मनरेगा मजदूरों की कमी को पूरा करने में विशेष तौर पर आड़े आ...
More »करोड़ों के मालिक हैं पत्रकार चंदन मित्रा
भोपाल। राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारे गए तीनों प्रत्याशियों में से सबसे अधिक धनवान भाजपा प्रत्याशी चंदन मित्रा हैं, जिनके पास कुल आठ करोड़ तैंतीस लाख बारह हजार चार सौ अड़सठ रूपए की संपत्ति है। भाजपा प्रत्याशी मित्रा एवं अनिल माधव दवे तथा कांग्रेस प्रत्याशी विजयलक्ष्मी साधो द्वारा आज यहां निर्वाचन अधिकारी एवं राज्य विधानसभा के प्रमुख सचिव एके पयासी...
More »प्रखंड स्तर पर होंगे फार्म मशीनरी बैंक
पटना जोत का रकबा घटने के कारण अधिकतर किसान कृषि यंत्रों की खरीद करने की स्थिति में नहीं हैं। कृषि यंत्रों में खराबी होने पर मरम्मत अलग समस्या है। इन सभी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रत्येक जिले में फार्म मशीनरी बैंक खोले जायेंगे। इसको व्यवसाय के रूप में संचालित किया जायेगा। राशि की व्यवस्था राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से से होगी। बिहार से ही उम्मीद पैदावार में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय कृषि...
More »पानी, जहर और जीडीपी-- देविंदर शर्मा
इस चिलचिलाती गरमी में पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा है और प्रमुख जलस्त्रोत सूखते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन पीने के पानी को लेकर खून बहने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जरूरत भी पूरी न होने से गुस्साएं प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं. आने वाले महीनों में, पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रहने वाली है. जल संकट पिछले 15 सालों से खतरे की घंटी बज रही है,...
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