रांची। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शिबू सोरेन ने बुधवार को कहा कि समाज के सबसे निचले तबके तक शासन को पहुंचाना और हर व्यक्ति को दो वक्त की रोटी के साथ काम उनकी प्राथमिकता है। पेट में अनाज और खेत में पानी उनकी पहली प्राथमिकता है। यह हो जाएगा, सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। [गरीबों का कल्याण प्राथमिकता : रघुवर] प्रदेश के अंदर सुशासन कायम करते हुए गरीबों...
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लोकतंत्र पर भारी पड़ी भूख की लड़ाई
दाउदनगर (औरंगाबाद) झारखंड के मजदूरों को राजनीति से कोई मतलब नहीं रह गया है। यहां जिनोरिया में कृषि कार्य करने पलामू और गढ़वा जिला से दर्जनों मजदूर आए है। उन्हे इससे भी कोई मतलब नहीं है कि झारखंड की राजनीति क्या हो रहा है। उन्हें बस अपने पेट की चिंता है। छतरपुर के रामपति भुईयां कहते है कि घर दुआर हइए नहीं है, खपरैल है, जैसे तैसे रहते है। चुआड़ी बनाकर बरसात का पानी पीते...
More »निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...
More »मुद्दे नहीं, स्थानीयता व व्यक्तित्व हावी
रांची। पिछले विधानसभा चुनाव के समय 2005 में जो भाजपा राज्य की सभी 81 सीटों में से 30 और जदयू के साथ कुल मिलाकर 36 सीटें पाकर सबसे बड़े दल और गठबंधन के रूप में उभरी थी, वह इस दिसंबर के चुनाव में स्वयं 20 एवं सहयोगी जदयू 2 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। झामुमो उस बार 17 सीटें लेकर आया था, इस बार एक बढ़त पाते हुए 18 तक जा पहुंचा।...
More »माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात रहेंगे अर्द्धसैनिक बल
कोलकाता। केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने कहा है कि केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल समेत विभिन्न राज्यों के माओवाद प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में अर्द्धसैनिक बल भेजना जारी रखेगी। महानगर में भारतीय उद्योग महासंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अर्द्धसैनिक बल भेजने का उद्देश्य माओवादियों के कब्जे में गई भूमि को फिर से हासिल करना व स्थानीय लोगों के रोष को शांत करना है। अर्द्धसैनिक बल को आदिवासी क्षेत्रों में सड़क,...
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