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वर्षा के पैटर्न में गंभीर परिवर्तन- भरत झुनझुनवाला

इंद्रदेव देश के साथ आंख मिचौली खेल रहे हैं. जून में वर्षा सामान्य रही. इसके बाद जुलाई के पहले पखवाड़े में वर्षा बहुत कम रही. सूखे की संभावना बढ़ती जा रही थी. लेकिन जुलाई के दूसरे पखवाड़े में देश के तमाम क्षेत्रों में अच्छी वर्षा होने से स्थिति पुन: सामान्य हो गयी है.  वर्तमान में वर्षा सामान्य से मात्र दो प्रतिशत कम है. राजस्थान के दक्षिणी इलाकों में भारी वर्षा...

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बढ़ती कीमत से परेशान सरकार करेगी 10 लाख टन प्‍याज आयात

राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्‍य शहरों में प्याज की कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंचने के बाद सरकार ने पाकिस्तान, चीन, मिश्र से 10,000 टन प्याज आयात करने का आदेश दिया है। हालांकि,एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्याज कीमतों से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि देश में इसका स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। देश में प्याज की कीमतों का रुख तय करने वाली थोक मंडी...

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महंगाई. बारिश के बाद हरी सब्जी की कीमतों में भारी इजाफा, फिर रुलाने लगा प्याज

कोलकाता: प्याज ने फिर से लोगों को रुलाना शुरू कर दिया है. हाल में बारिश के बाद हरी सब्जी की कीमत में इजाफा के साथ-साथ प्याज की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक मिलनेवाली हरी सब्जी चाहे वह परवल हो या झींगा अभी बाजार में 40 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास बिक रही है. परवल प्रति किलोग्राम 40 रुपये से 60 रुपये, मिर्चा...

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अंगरेजों के जमाने के पुलिस बल से कैसे होगी लोगों की सुरक्षा

रांची : सरकार से लेकर डीजीपी तक राजधानी को अपराध मुक्त बनाने की कवायद में लगे हुए हैं. रांची में अपराध पर नियंत्रण हो, इसके लिए कई उपाय किये गये. लेकिन, जब थानों में पुलिसकर्मियों की ही कमी हो, तो अपराध मुक्त रांची की कल्पना नहीं की जा सकती है. अंगरेजों के जमाने (1914) में स्थापित राजधानी के सबसे महत्वपूर्ण कोतवाली थाने में दारोगा के 15 स्वीकृत पद हैं, लेकिन...

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किसान आत्महत्या का अधूरा सच- देविन्दर शर्मा

गुलाबी तस्वीर पेश करने की तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के किसान आत्महत्या संबंधी 2014 के आंकड़े कृषि के स्याह पक्ष को ही सामने लाते हैं। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या की। हालांकि एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े को दो श्रेणियों-किसानों एवं कृषि मजदूरों, में बांटने का साहसिक...

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