पिनाकीदास रंजन, दंतेवाड़ा। लोहे के अकूत भण्डार को गर्भ में समेटे बैलाडीला की पहाड़ियों के पीछे की हकीकत अंधे कुएं के समान है। अच्छी गुणवत्ता के लोहे के लिए प्रसिद्घ इन खदानों के पीछे बसे गांवों के हालात को अगर विकास के तराजू पर तौला जाए तो दूसरा अबुझमाड़ कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। सुबह के लगभग 10 बजे थे। बुधवार का दिन था। आयरन हिल्स के पीछे बसा...
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मिड डे मील में भी घोला ऊंच नीच का जहर
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में मासूम बच्चों में जातिवाद का जहर घोला जा रहा है। मंडी जिले के एक सरकारी स्कूल में दलित बच्चों को अलग पंक्ति में शौचालय के पास बिठाकर खाना खिलाया जा रहा था। बुधवार को जांच टीम के पहुंचने के बाद दलित बच्चों को स्कूल परिसर में खाना खिलाया गया लेकिन सामान्य वर्ग के बच्चों ने खाना खाने से इनकार कर दिया। हिमाचल किसान सभा के सदस्यों ने...
More »यहां रद्दी मिटा रही बेसहारा बच्चों की भूख
सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। घर के कोने में पड़ी रद्दी भी बच्चे की भूख मिटा सकती है, सुनकर ताज्जुब होगा, लेकिन यह सच है। शहर में अनूठी तरह की समाजसेवा चल रही है, जिसके लिए न तो चंदा मांगा जाता है और न प्रचार किया जाता है। जैन समाज के लोग घर-घर जाकर रद्दी इकट्ठी करते हैं। सालभर में जमा इस रद्दी के बिकने से जमा हुए करीब डेढ़ लाख...
More »स्कूल के पुनरुद्धार के लिए छात्रों को भीख मांगने पर किया मजबूर
मुंबई। माउंट मैरी हाई स्कूल के सभी छात्रों को स्कूल के पुनरुद्धार के लिए 2,500 से 5,000 रुपए जमा करने के लिए कहा गया था। जब बच्चे ऐसा नहीं कर सके तो उनके अभिभावकों की जानकारी के बिना उन्हें बांद्रा फेयर में 15-20 के ग्रुप में ले जाया गया और वहां अजनबी लोगों से पैसे मांगने को कहा गया। सूत्रों के अनुसार स्कूल के परिसर को ठीक कराने के लिए कक्षा...
More »अमेरिका में एक करोड़ की आबादी प्रतिदिन दो डॉलर से भी कम में जीने को मजबूर
वॉशिंगटन। भारत की 80 फीसदी आबादी के बारे में अक्सर कहा जाता है कि ये लोग प्रतिदिन दो डॉलर से भी कम में जीवन यापन करते हैं। लेकिन अब ऐसी ही खबर अमेरिका से भी आने लगी हैं। यहां एक करोड़ लोग प्रतिदिन दो डॉलर में यानी 120 रुपए के खर्च के साथ जीते हैं। ऐसे लोग फूड स्टाम्प, सामाजिक कल्याण और स्कूलों में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर...
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