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प्राथमिक-माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के दाखिले का अनुपात बढ़ा, बिहार में शिक्षकों की कमी

नयी दिल्ली/पटना : सरकारी स्कूलों में छात्र-कमरा अनुपात (एससीआर) तथा शिष्य-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. यह बात आर्थिक समीक्षा में कही गयी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश 2017-18 की आर्थिक समीक्षा में यह भी कहा गया है कि प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर लड़कियों का दाखिला बढ़ने से स्त्री-पुरुष समानता सूचकांक (जीपीआइ) में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है. हालांकि, उच्च शिक्षा के स्तर...

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महानगरों के दड़बे-- अभिषेक कुमार

भारत जैसे आबादीबहुल देश में रोटी और कपड़े के बाद तीसरी सबसे अहम जरूरत मकान की उपलब्धता का इस वक्त क्या हाल है, इसका अंदाजा सरकारी आवासीय योजनाओं में आवेदकों की संख्या से होता रहा है। पर इन योजनाओं में फ्लैट के नाम पर काल कोठरी या मुर्गी के दड़बे जैसा घर देने की जो परंपरा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पिछली दो योजनाओं से शुरू की, उसका नतीजा यह...

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देश में बने माहौल से खतरे में है 83 बिलियन डॉलर की डेरी इंडस्‍ट्री

भारत की डेरी इंडस्ट्री 83 बिलियन डॉलर (करीब 5.3 लाख करोड़ रुपए) की है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में गायों को लेकर बने माहौल की वजह से यह खतरे में है। भारत में गाय को पवित्र माना जाता है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद गायों की सुरक्षा करने वाले ग्रुप्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं पशुओं के व्यवसायियों पर भी लगातार...

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इस राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए बनेंगे पिंक टॉयलेट

बेंगलुरू। कर्नाटक में जल्द ही महिलाओं, लड़कियों के लिए पिंक टॉयलेट नजर आएंगे। नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स( NCPCR) ने यहां दिल्ली की तर्ज पर पिंक टॉयलेट्स बनाने को मंजूरी दे दी है। हरी झंडी मिलने के बाद कर्नाटक में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए बने कमीशन( KCPCR) ने राज्य में ऐसे टॉयलट बनाने का काम शुरू करने का फैसला कर लिया है। सूत्रों की मानें तो...

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अपनों से ही शर्मसार होती मानवता-- राजेन्द्र प्रसाद शर्मा

आंकड़े भले ही दिल्ली के हों, पर कमोबेश यह तस्वीर सारी दुनिया की देखने को मिलेगी। राजधानी दिल्ली में 2017 की आपराधिक गतिविधियों की बाबत दिल्ली पुलिस द्वारा इसी माह जारी आंकड़ों में कहा गया है कि बलात्कार के सत्तानवे फीसद मामलों में महिलाएं अपनों की ही शिकार होती हैं। अपनों से मतलब साफ है कि या तो रिश्तेदार या जान-पहचान वाले या फिर दोस्त। इसका मतलब यही निकल के...

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