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देश के हृदय को बचाने की पहल- विनीत नारायण

विगत जनवरी में शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री की चहेती योजना ‘हृदय' की शुरुआत की। इस योजना का लक्ष्य देश के पुरातन शहरों को सजा-संवारकर दुनिया के आगे प्रस्तुत करना है, जिससे भारत की आत्मा यानी यहां की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण हो सके। इसीलिए अंग्रेजी में जो नाम रखा गया है, उसके प्रथम अक्षरों को मिलाकर ‘हृदय' शब्द बनता है। योजना का उद्देश्य प्रशंसनीय है, क्योंकि जागरूकता के...

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देश को सीटीओ की दरकार- राजीव चंद्रशेखर

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लोगों को सशक्त बनाएगा और वास्तव में भारत को बदल डालेगा। मौजूदा केंद्र सरकार ने 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का जो वायदा किया है, उसे साकार करने में यह प्रमुख भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'न्यूनतम सरकार' की परिभाषा में एक ऐसे सरकार की परिकल्पना है, जिसमें मंजूरी की आवश्यकता न्यूनतम हो और नागरिकों के साथ उसका निरंतर संवाद हो। इसी तरह से 'अधिकतम...

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भारत में गरीबी के खिलाफ लड़ाई- सिद्धार्थ जॉर्ज एवं अरविंद सुब्रमण्यन

बच्चों को स्कूल भेजने और उनके टीकाकरण की शर्त पर गरीब परिवारों को नकद हस्तांतरण योजना ने भारत में गरीबी घटाने और मानव स्वास्थ्य में सुधार का प्रभावी रास्ता दिखाया है। लैटिन अमेरिका को सशर्त नकद हस्तांतरण योजना का जन्मदाता माना जाता है;1990 के दशक के उत्तरार्ध में मैक्सिको में इसकी शुरुआत हुई और अगले एक दशक में यह पूरे ब्राजील में फैल गई। भारत में गरीबी दूर करने में...

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डामर के बिल लिए बगैर 105 करोड़ का भुगतान : कैग रिपोर्ट

भोपाल। प्रदेश के 90 मुख्य जिला मार्ग (एमडीआर) और 437 अन्य सड़कों के निर्माण में डामर (बिटुमिन) में ठेकेदारों ने रिफाइनरियों से डामर खरीदने के मूल बिल ही नहीं दिए और लोक निर्माण विभाग ने 105 करोड़ करोड़ का भुगतान कर दिया। यह खुलासा बुधवार को विधानसभा में टेबल हुई कैग की रिपोर्ट में हुआ है। कैग ने बताया कि 200 सड़कों का नवीनीकरण राष्ट्रीय राजमार्ग या राज्य राजमार्गों के...

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किसान आत्महत्या का अधूरा सच- देविन्दर शर्मा

गुलाबी तस्वीर पेश करने की तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के किसान आत्महत्या संबंधी 2014 के आंकड़े कृषि के स्याह पक्ष को ही सामने लाते हैं। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या की। हालांकि एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े को दो श्रेणियों-किसानों एवं कृषि मजदूरों, में बांटने का साहसिक...

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