ग्रामीण क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करते समय मुझे बहुत से ऐसे प्रवासी मजदूर मिले हैं, जो अक्सर कहते हैं, “परेशान होकर हम शहरों में आए हैं। हम गांव में थोपी गई जाति व्यवस्था के कारण अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।” ऐसा नहीं है कि केवल गांव ही “महान भारतीय जाति व्यवस्था” का पालन करते हैं, लेकिन इस व्यवस्था से सबसे अधिक पीड़ित वे गरीब हैं जो जाति के सबसे निचले...
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घर पहुंच कर भी कम नहीं हो रही बिहारी मज़दूरों की दुश्वारियां
-न्यूजक्लिक, इस सोमवार को बिहार के जहानाबाद जिले के सरता मध्य विद्यालय में क्वारंटीन में रह रहे मज़दूरों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गयी और इस झड़प में ग्रामीणों ने इन मज़दूरों पर रोड़े (पत्थर) चला दिये। इसमें एक प्रवासी मज़दूर अंबिका यादव का सिर फूट गया। बाद में पता करने पर इस झगड़े की वजह यह मालूम हो गयी कि स्कूल में बने उप क्वारंटीन सेंटर पर शौचालय...
More »मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज से मर रहे ग़रीब मज़दूरों का कितना भला होगा?
-बीबीसी, आप चाहें तो गिलास को आधा भरा देख सकते हैं और चाहें तो आधा ख़ाली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार रात का राष्ट्र के नाम संदेश भी ऐसा ही है. आप चाहें तो ये देख सकते हैं कि उन्होंने बीस लाख करोड़ रुपए का पैकेज लाने का एलान कर दिया. हताश, निराश और एक अभूतपूर्व संकट से जूझते देश को एक नया नारा दिया कि इस संकट को कैसे मौक़े में...
More »लॉकडाउन के असर से उबरने के लिए राज्यों ने प्रधानमंत्री से माँगा आर्थिक पैकेज
-सत्यहिंदी, प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में एक बात साफ़ उभर कर सामने आई कि लॉकडाउन के प्रभावों से उबरने के लिए राज्य सरकारों को विशेष आर्थिक पैकेज की ज़रूरत है। राज्यों ने प्रवासी मज़दूरों और मझोले-लघु-सूक्ष्म उद्योगों की मदद करने की बात कही। इसके अलावा खपत बढ़ाने के उपाय करने की भी चर्चा की गई। तमाम मुख्यमंत्रियों ने इस पर ज़ोर दिया कि केंद्र सरकार लॉकडाउन के असर से तबाह...
More »कोरोना संकट में मज़दूरों को ग़ुलामों में बदलता पूंजीवाद
-न्यूजक्लिक, जब 7 मई की रात को यह लेख लिखा जाने लगा कि किस तरह वर्तमान में कोरोना संकट के दौर में पूँजीवाद का घिनौना चेहरा बेनकाब हो रहा है और प्रवासी मज़दूर बंधुआ मज़दूरों में बदल रहें है तो लिखते लिखते घर लौटते हुए प्रवासी मजूरों की मृत्यु के आंकड़े खोजने के चक्कर में यह अधूरा रह गया। फिर सोचा कि लेख अगले दिन पूरा होगा परन्तु जब सुबह हुई...
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