अपने समाज में हर तरफ दलाली का बोलबाला है. जिधर भी देखिये, दलाल ही दलाल. पेशे की दलाली को छोड़ दीजिये. अब तो हर पेशे में दलालों ने ठौर बना लिया है. जो जितना बड़ा दलाल है, वह उतना ही रसूख और दौलत वाला है. लेकिन, किसी को गलती से भी दलाल कह दो, तो उखड़ कर आपको जाने क्या-क्या कह डालता है. कारण, दलाली के लिए छवि का बड़ा...
More »SEARCH RESULT
पुड़िया को बाजार ले जाने की चुनौती-- अभिषेक कुमार
भले ही दुनिया के कई देशों में आयुर्वेदिक दवाओं का आयात भारत से होता हो, लेकिन इनके खिलाफ एक बड़ा भारी मत यह है कि प्राचीन ग्रंथों के उल्लेखों और सिर्फ भरोसे के आधार पर उन दवाओं का कारोबार नहीं चल सकता जिनके बनाने की विधि में एकरूपता न हो और जिनके असर व दुष्प्रभाव को मापने का कोई जरिया न हो। इन स्थितियों के बावजूद हाल में स्विट्जरलैंड की...
More »आखिर क्यों जल उठा बेंगलुरु-- आर सुकुमार
वह 2000 के दशक का शुरुआती वर्ष था। इंफोसिस लिमिटेड ने बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के अपने कैंपस में एक शानदार विंग बनाई ही थी, तब मैं कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन एन आर नारायण मूर्ति से मिलने गया था। हम जब कैंपस घूम रहे थे, और कारोबार व लोगों और लगभग हरेक इमारत के स्वागत कक्ष में रखे रंग-बिरंगे चमकीले छातों के बारे में बातें कर रहे थे, तब उन्होंने...
More »थोक मुद्रास्फीति दो साल के उच्चस्तर पर, अगस्त में 3.74 प्रतिशत
नयी दिल्ली : थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में बढकर 3.74 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका दो साल का उच्चस्तर है. दालों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी से थोक मुद्रास्फीति बढी है. हालांकि, इस दौरान सब्जियों की कीमतों में गिरावट भी आई. जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 3.55 प्रतिशत पर थी. अगस्त, 2015 में यह शून्य से 5.06 प्रतिशत नीचे थी. इससे पहले अगस्त,...
More »कहां है हमारी डिजिटल संप्रभुता?-- संदीप मानुधने
सत्रह वर्ष पहले पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल क्षेत्र में आक्रमण किया था. वह भारत के लिए एक चुनौती थी, जिसे हमारी सेना ने मुंहतोड़ जवाब देकर खत्म कर दिया था. उस युद्ध से एक अच्छी सीख हमें मिली थी. जब युद्ध चरम पर था, तब उपग्रह प्रणाली के जरिये हमने दुश्मन के कोऑर्डिनेट्स (स्थल पहचान चिह्न) पता करने के लिए अमेरिका से जीपीएस डाटा (जीपीएस अमेरिकी सिस्टम है) मांगा था....
More »