पटना: पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एएससीएडी या ऐसकैड (पशु में बीमारियों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता) प्रोग्राम के तहत बड़ी मुहिम चलाने की योजना है. इसमें पशु टीकाकरण के अलावा पशु अस्पतालों का निर्माण, कर्मचारियों का प्रशिक्षण समेत कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य कराने हैं. पशुओं को एचएसबीक्यू (लंगड़ी और गलाघोंटू), एफएमडी (खुरहा व मुंह पका) और पीपीआर (खासतौर से बकरियों में होनेवाली जानलेवा बीमारी) जैसे...
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सुरक्षित प्रसव : महतारी एक्सप्रेस में भी गूंज रही हैं किलकारियां
योगेंद्र ठाकुर, जगदलपुर। सुरक्षित और संस्थागत प्रसव कराने वाली महतारी एक्सप्रेस में भी किलकारियां गूंज रहीं हैं। पिछले डेढ़ माह में संभाग में 70 से अधिक महिलाओं का प्रसव एंबुलेंस में हुआ। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने सहित मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने में महतारी एंबुलेस सेवा बस्तर में कारगर साबित हो रही है। संभाग में पिछले माह एंबुलेंस ने दो हजार से अधिक माता व शिशुओं को हॉस्पिटल पहुंचाया है। इस दौरान 70 से...
More »इंसेफलाइटिस का टीका बाजार में नहीं
रांची: बिहार में जापानी इंसेफलाइटिस से हो रही मौतों के बाद झारखंड के लोग सजग हो गये है. राजधानी के लोग अपने बच्चों को इंसेफलाइटिस से बचाने के लिए टीका दिला रहे हैं. टीके की डिमांड इतनी बढ़ गयी है कि निजी टीका केंद्रों पर इसका टीका खत्म होने लगा है. कई सेंटरों में नाममात्र का टीका ही शेष बचा है. वैक्सीन के स्टॉकिस्ट ने बताया कि उनके पास भी इंसेफलाइटिस का...
More »रायपुर समेत 6 जिलों में 30 फीसदी बच्चों का नहीं हुआ टीकाकरण
रायपुर (निप्र)। प्रदेश में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात तक स्वास्थ्य विभाग की पहुंच नहीं है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में 47 फीसदी प्रसव आज भी घर पर ही हो रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की साल 2013-14 की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी रायपुर समेत 6 जिले ऐसे हैं, जहां 30 फीसदी से अधिक नवजात शिशुओं को अनिवार्य टीके नहीं लग पा...
More »राजनीतिक विमर्श और जन-स्वास्थ्य- नीकी नैनसी
जनसत्ता 9 मई, 2014 : सोलहवीं लोकसभा के चुनाव अपने आखिरी चरण में हैं, लेकिन अभी तक किसी पार्टी ने सामाजिक विकास को लेकर कोई ठोस बहस या तथ्य पर आधारित चर्चा करने की जरूरत नहीं समझी है। किसी भी पार्टी का घोषणापत्र उठा लें, एक बात पर सभी अपना दावा करते नजर आएंगे- आर्थिक और समेकित विकास। इन भारी-भरकम शब्दों के इस्तेमाल में आपको कोई कटौती नहीं मिलेगी, चाहे...
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