नई दिल्ली। दालों की बढ़ती कीमतों के लिए इस साल भले ही रबी फसल पर पड़ी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार को जिम्मेदार बताया जा रहा हो, लेकिन आंकड़ों के अनुसार, इसका प्रमुख कारण सालों से दालों की खेती की अनदेखी है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व खाद्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही हैं। गेहूं का रकबा 164 फीसदी और धान का रकबा 36 फीसदी बढ़ा आधिकारिक आंकड़ों...
More »SEARCH RESULT
थोक मुद्रास्फीति शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे के ऐतिहासिक निम्नस्तर पर
नयी दिल्ली : दाल और प्याज के दाम ऊंचे रहने के बावजूद थोक मुद्रास्फीति में गिरावट का रुझान लगातार 10वें महीने जारी रहा. अगस्त में सस्ते ईंधन एवं सब्जियों के मद्देनजर यह शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे के ऐतिहासिक स्तर पर आ गयी. इससे आरबीआइ पर ब्याज दरें घटाने का दबाव बढेगा. थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में शून्य से 4.05 प्रतिशत नीचे थी. नवंबर 2014 से थोक मुद्रास्फीति लगातार...
More »मानसून: 18 फीसदी कम बारिश की आशंका, दालों और खाद्य तेलों का बढ़ेगा इंपोर्ट
नई दिल्ली। देश में इस साल सामान्य के मुकाबले 18 फीसदी बारिश का अनुमान है। इसका असर दलहन, तिलहन सहित खरीफ फसलों पर देखने को मिल सकता है। यही वजह है कि इस साल दालों और खाद्य तेलों के इंपोर्ट में खासी बढ़ोत्तरी की आशंकाएं पैदा हो गई हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2015-16 में देश में दालों का इंपोर्ट 15 लाख टन और खाद्य तेलों का इंपोर्ट 20 लाख टन...
More »दाल और सब्जियों के बढ़ते दाम ने बिगाड़ा जायका
प्याज के दाम अभी आसमान पर ही हैं कि दिल्ली में अब सब्जियों के दामों में उछाल आना शुरू हो गया है। पिछले एक हफ्ते से सब्जियों के दामों में इजाफा हो रहा है। दिल्लीवासी अभी प्याज के बढ़ रहे दामों को लेकर किचन के बजट को संभाल भी नहीं पाए थे कि अब सब्जियों के बढ़ रहे भाव ने उनकी जेब ढीली कर दी है। पिछले साल इन दिनों में...
More »देशभर में प्याज की कीमतों में लगी आग, हर मोर्चे पर सरकार लाचार-- अमलेश नंदन
देशभर में प्याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्याज के भाव खुदरा मंडियों में क्वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...
More »