-सत्याग्रह, केशवानंद भारती का निधन हो गया है. वे 79 वर्ष के थे. उन्होंने रविवार को केरल के कासरगोड जिले में स्थित अपने आश्रम में अंतिम सांस ली. केशवानंद भारती इस मठ के प्रमुख थे. बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते उनके दिल का ऑपरेशन होना था लेकिन रविवार, सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका. देश के न्यायिक इतिहास में दिलचस्पी रखने वाला शायद ही...
More »SEARCH RESULT
बेदम होती स्वास्थ्य व्यवस्था : कोविड-19 संकट में तपेदिक के सबक
-कारवां, {1} दिसंबर 2019 में डॉ. आनंदे वुहान से आने वाली खबरों पर व्याकुलता के साथ नजरें जमाए हुए थे. चीन के शहरों में सार्स जैसा एक रहस्यमय वायरस फैल रहा था. उस समय अपने डॉक्टर मित्रों के साथ होने वाली चर्चा को याद करते हुए आनंदे ने मुझे बताया, “मैंने सुना कि वह वायुजनित बीमारी थी. हम सुन रहे थे कि रोगियों में खांसी, बुखार आदि जैसे ही लक्षण हैं.” आनंदे की...
More »तब्लीग़ी जमात: सरकार और मीडिया को शर्मसार करता है बॉम्बे हाई कोर्ट का फ़ैसला
-सत्यहिंदी, अपने देश में जब-जब भी न्यायपालिका को लेकर लोगों का भरोसा डिगने लगता है और वे हताश-निराश होने लगते हैं, तब-तब न्यायपालिका के किसी न किसी हिस्से से ऐसी कोई आवाज़ आ जाती है, जो आश्वस्त करती है कि अभी सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है। इन दिनों कई मामलों को लेकर देश की न्यायपालिका की कार्यशैली पर उठ रहे संदेह और सवालों के धुएँ के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट...
More »बेंगलुरू हिंसा: दूसरे के धर्म पर टिप्पणी क्यों; हिंसा पूरी तरह ग़लत
-सत्यहिंदी, बेंगलुरू में हुई हिंसा से क्या कोई प्रसन्न हो सकता है? क्या कोई उसका समर्थन कर सकता है? लेकिन ऐसा मानने वाले लोग इस समाज में हैं जो यह मानते हैं कि इस हिंसा की हिमायत करने वाले लोग सभ्य समाज में मौजूद हैं। हिंसा के दौरान ही जब बहुत सारे लोग हैरान थे और उसे समझने की कोशिश कर रहे थे, एक ख़ास तबके में एक विकृत प्रसन्नता देखी...
More »एक समय था जब भारत की एक कहानी हुआ करती थी
-सत्याग्रह, 15 अगस्त 2007 यानी भारत की आजादी के साठ साल पूरे होने के मौके पर मैंने देश के हालात को लेकर हिंदुस्तान टाइम्स में एक लेख लिखा था. उन दिनों यह खूब कहा जा रहा था कि भारत एक उभरती हुई विश्वशक्ति है. चीन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना लोहा मनवा चुका था और कहा जा रहा था कि अब हमारी बारी है. बहुत से लोगों का मानना था...
More »