खाने-पीने की चीजों को लेकर होने वाले अध्ययन अमूमन अब तक डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, पित्जा-बर्गर जैसे दूसरे फास्ट फूड या फिर ठंडे पेय पर केंद्रित रहे हैं। अब सीएसई यानी दिल्ली स्थित गैर-सरकारी संगठन विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र के ताजा अध्ययन ने जिस तरह ब्रेड में कैंसर जैसी घातक बीमारी के तत्त्व पाए जाने का खुलासा किया है, वह ज्यादा बड़ी चिंता की वजह है। दूसरे डिब्बाबंद खाद्य के मुकाबले...
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बायो तकनीकी खेती : स्वास्थ्य चिंताओं के बीच फील्ड ट्रायल की मंजूरी
स्वास्थ्य और पर्यावरण पर संभावित असर को लेकर जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) खेती के समर्थन और विरोध में जारी बहस के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने फील्ड ट्रायल के लिए आये प्रस्तावों में से करीब 80 फीसदी को हाल में हरी झंडी दे दी है. मई, 2014 में केंद्र में एनडीए सरकार के गठन के बाद से इस संदर्भ में हुई आठ बैठकों के बाद पिछले दिनों यह मंजूरी दी गयी. ...
More »फिर पलटी सरकार, स्कूल और अस्पतालों में लगेंगे मोबाइल टॉवर
कुलदीप सिंगोरिया, भोपाल। मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों के दबाव में प्रदेश सरकार चार साल बाद अपने ही फैसले को पलटने जा रही है। अब सरकार अस्पताल, स्कूल-कॉलेज और अन्य संस्थाओं के परिसर या इमारत पर मोबाइल टॉवर लगाने की पाबंदी को हटाएगी। जिन स्कूल-कॉलेजों में अवैध टॉवर लगे हैं, उन्हें भी वैध किया जा सकेगा। । यही नहीं, खुली जगह और सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित जमीन पर भी मोबाइल टॉवर लग...
More »धनाढ्य-भव्यता में संस्कृति कहां!-- उर्मिलेश
यह बात बिल्कुल समझ में नहीं आती कि आधुनिक दौर के हमारे धर्माचार्य या बाबा अपने जीवन या कर्म में सहजता, शालीनता और सादगी जैसे मूल्यों को अपनाने के बजाय राजाओं-महाराजाओं, सामंतों या नवधनाढ्यों जैसी महंगी चमक-दमक, विराटता या भव्यता क्यों पसंद करने लगे हैं? क्या श्री श्री रविशंकर का विश्व सांस्कृतिक महोत्सव झारखंड, बिहार, यूपी, कनार्टक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश या हरियाणा के किसी खाली इलाके में नहीं...
More »श्री श्री रविशंकर का आयोजन : एनजीटी ने केंद्र से पूछा पर्यावरण मंजूरी जरूरी क्यों नहीं?
नयी दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मंगलवार को आर्ट ऑफ लिविंग के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल के आयोजन के लिए हुई लंबी सुनवाई के बाद इसे अगले दिन यानी मंगलवार की सुनवाई तक के लिए टाल दिया. एनजीटी ने मामले की सुनवाई करते हुए आज केंद्र से पूछा कि इस आयोजन के लिए पर्यावरण मंजूरी की जरूरत क्यों नहीं है?आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट आॅफ लिविंग...
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