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बाधित संसद लोकतंत्र की अवमानना-- राजकुमार सिंह

संसदीय लोकतंत्र में संसद ही सर्वोच्च है। हमारे माननीय संसद सदस्य इस सर्वोच्चता का अहसास कराने का कोई मौका भी नहीं चूकते, पर खुद इस सर्वोच्चता से जुड़ी जिम्मेदारी-जवाबदेही का अहसास करने को तैयार नहीं। संसद में धनबलियों और बाहुबलियों की बढ़ती संख्या और लोकतंत्र की मूल भावना को इससे बढ़ते खतरे की चर्चा और चिंता मीडिया से लेकर सर्वोच्च अदालत तक मुखर होती रही है। जाहिर है, इस गहराते...

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नौनिहालों की फिक्र किसे है--- देवेन्द्र जोशी

हाल ही में आई यूनिसेफ की रिपोर्ट चेताती है कि नवजात शिशुओं की मृत्यु दर के मामले में भारत की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। भले ही इस मामले में हम पाकिस्तान से बेहतर स्थिति में हों, लेकिन हमारी स्थिति बांग्लादेश, नेपाल और भूटान से भी बदतर है। भारत नवजात शिशुओं की मृत्यु दर के मामले में इथियोपिया, गिनी-बिसाऊ, इंडोनेशिया, नाइजीरिया और तंजानिया के समकक्ष खड़ा दिख रहा है। भारत में...

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केंद्रीय बजट के मानसिक क्षितिज से बिहार गायब, पढ़ें अर्थशास्त्री डॉ शैबाल गुप्ता को

इस बजट को देखने से लगता है कि सरकार चुनाव की जल्दीबाजी में है. बहुत संभव है कि मार्च, 2019 के पहले ही चुनाव हो जाये. इसकी आहट बजट में सुनायी दे रही है. इस बजट को पॉपुलिस्ट (लोकलुभावन) कह सकते हैं. हालांकि, सरकार के नजरिये से यह सकारात्मक बजट है. सरकार कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में खास कदम उठायेगी. पर, इसका ठीक-ठीक प्रतिफल किस रूप में सामने आयेगा,...

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इस मर्ज की जड़ों पर करें प्रहार-- जगमति सांगवान

जहां एक तरफ़ पिछले दिनों हरियाणा लगातार अपनी बेटियों की खेल व अन्य क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियों को लेकर नाज करता रहा है वहीं इसी दौरान बेटियों के साथ दहला देने वाली यौन हिंसा की घटनाओं ने हर संवेदनशील नागरिक को झकझोर दिया है। ख़ासतौर पर नए साल की 13-14 तारीख के 48 घंटों में हुई चार बर्बर घटनाओं ने। यद्यपि जांच के आगे बढ़ते घटनाक्रमों में कई प्रकार के...

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ठोस उपायों से ही बदलेगी तस्वीर - डॉ. भरत झुनझुनवाला

केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा बढ़ रहा है। सरकार की आय कम हो और खर्च ज्यादा हो तो अंतर को पाटने के लिए सरकार बाजार से ऋण लेती है। इस ऋण को वित्तीय घाटा कहा जाता है। वित्तीय घाटे को अच्छा नहीं माना जाता, ठीक वैसे ही जैसे ऋण लेकर फाइव स्टार होटल में भोजन करने वाले को जिम्मेदार नहीं माना जाता है। विदेशी निवेशक सोचते हैं कि सरकार को...

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