-सत्याग्रह, भारतीय महिलाओं के शिक्षा के स्तर में तो बढ़ोत्तरी हो रही है लेकिन इसके साथ-साथ अब उनके लिए अपने जितना या ज्यादा पढ़ा-लिखा दूल्हा पाना पहले से मुश्किल हो गया है. और इसकी वजह यह नहीं है कि अब वे लड़कों से ज्यादा शिक्षित हो गई हैं. यह परिणाम एक ऐसे शोध के हैं जिसमें 1970 से लेकर 2000 के दशक तक भारत में हुई शादियों की तुलना की गई...
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गरीबों की फिक्र करो
-आउटलुक, महज कुछ महीनों में ही कोविड-19 की महामारी ने समूची दुनिया में उथल-पुथल ला दी। दुनिया भर की सरकारें इस पर काबू पाने मे जुटी हुई हैं। इस संकट में बेरोजगारी बढ़ी है और खाने-पीने और आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी बाधित हुई। पूरी दुनिया पर आर्थिक मंदी के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में लोगों का निराश होना स्वाभाविक है। फिर भी यह वक्त मानव जीवन-शैली पर चिंतन...
More »आर्मी की महिला अफ़सरों को उनका अधिकार देने में भारत सरकार और देर करने वाली है?
-लल्लनटॉप, भारतीय थल सेना में महिला अफ़सरों को परमानेंट कमीशन मिलने में थोड़ा समय और लग सकता है. फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिए थे कि सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन दिया जाए. आदेश था कि तीन महीने के भीतर उन महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन दिया जाए, जो इसे चुनना चाहती हैं. मियाद पूरी हो गयी. कोरोना और लॉकडाउन जैसी चीज़ें सिर पर. फ़ैसला लागू...
More »एक नागरिक के तौर पर प्रवासी
-न्यूजक्लिक, हम अपने देश के इतिहास में सबसे डरावनी घटना के गवाह बने हैं। इस डरावनी घटना को एक राज्य से दूसरे राज्यों में अपने घरों में वापस लौटते मज़दूरों के दृश्य बयां कर रहे हैं। अनुमान है कि लॉकडाउन के चलते 2,71,000 फैक्ट्रियों और साढ़े छ: से सात करोड़ लघु और सूक्ष्म धंधे रुक गए, जिसके चलते करीब़ 11 करोड़ चालीस लाख नौकरियां चली गईं। इसमें 9 करोड़ 10 लाख...
More »भारत में पुलिसिया न्याय का अंतहीन अध्याय
-न्यूजलॉन्ड्री, वैसे तो अंग्रेजों के द्वारा बनायी और उसी समय के पुलिस एक्ट से चल रही भारतीय पुलिस हर रोज अपनी क्रूरता, निरंकुशता एवं कानून विरोधी गतिविधियों के लिए खबरों एवं चर्चा में बनी रहती है परन्तु हाल में अमेरिका में जॉन फ्लायड की पुलिस द्वारा निर्मम हत्या के सन्दर्भ में यह बात चर्चा आयी थी कि कैसे भारत में भी पुलिस ने दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान घायल नवयुवकों...
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