रायपुर। छत्तीसगढ़ के लोगों को अभी से ही बूंद-बूंद पानी बचाने की जरूरत है। वजह यह है कि राज्य के अधिकतर बड़े बांध और जलाशय आधे से ज्यादा खाली हो चुके हैं। आने वाले महीने फरवरी से लेकर जून के पहले पखवाड़े तक सतह का जल स्तर बढ़ने की कोई संभावना नहीं है। प्रदेश में औसतन 1150 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल औसत से 15 फीसदी कम बारिश हुुई...
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85 साल की बुढ़ी हड्डियों में जवान हौसला-- दिलीप पोद्दार
पटमदा : इच्छा शक्ति मजबूत हो और जीवन में कुछ करने की तमन्ना, तो उम्र आड़े नहीं आती. युवा जो कभी सोच नहीं सकते, बुजुर्ग वैसे काम कर दिखाते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण बन कर सामने अाये हैं पटमदा के गाड़ीग्राम निवासी 85 वर्षीय अतुल सिंह. दिन-रात मेहनत कर साढ़े तीन वर्षों में अकेले सौ फीट चौड़ा और सौ फीट लंबा तालाब खोद डाला. पथरीली जमीन होने के कारण...
More »पानी के लिए मचेगा हाहाकार
जलवायु परिवर्तन का भारत में भी दिखने लगा प्रभाव पर्यावरण संरक्षण पर आयोजित सेमिनारों में लंबे-चौड़े भाषण देकर लोग अपने काम की इतिश्री कर लेते हैं. लेकिन, व्यावहारिक जीवन में अपनी ही कही बात पर अमल नहीं करते. इसी का नतीजा है कि प्राकृतिक संपदा और तीन प्रकार के मौसम चक्र से परिपूर्ण भारत भी जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से जूझ रहा है. वनों की अंधाधुंध कटाई, नदियों का विनाश, औद्योगिक...
More »चेन्नई बाढ़ : एक मानव निर्मित त्रासदी
चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है. हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...
More »भोपाल गैस पीड़ितों के बच्चों का इलाज भगवान भरोसे
भोपाल : वर्ष 1984 में हुई दुनिया की भीषणतम औद्योेगिक त्रासदी, भोपाल गैस हादसे की 31 वीं बरसी के एक दिन पहले गैस पीडितों के इलाज के लिये काम करने वाले गैर सरकारी संगठन एनजीओ ‘संभावना ट्रस्ट' के अध्ययन में गैस पीड़ित या बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने के आसपास के इलाकों के प्रदूषित भूजल से पीड़ित माता-पिता के जन्मजात विकृतिग्रस्त पैदा हुए 2500 बच्चों की पहचान करने का दावा...
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