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भारतीय संविधान मुसलमानों को अल्पसंख्यक नहीं कहता, तो फिर किसने उन्हें अल्पसंख्यक बनाया?

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार संभालने के तुरंत बाद 2014 में नजमा हेपतुल्ला ने मुसलमानों के अल्पसंख्यक दर्ज़े को लेकर एक ज़बरदस्त टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ‘यह मुस्लिम मामलों का मंत्रालय नहीं है, यह अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय है ... मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं.' हेपतुल्ला का दावा जायज़ है. संविधान अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित नहीं करता है. संख्या की दृष्टि से छोटे किसी समुदाय की विशिष्टता को अल्पसंख्यक दर्ज़े के...

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मौलिक अधिकारों का संघर्ष जारी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर के 70 साल

मनुष्यों के लिए नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अधिकार मौलिक मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं. विभिन्न रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी आज भी अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत है और मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार है. मानवाधिकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने की जरूरत को समझते हुए कई देश संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 70 साल पहले एकजुट...

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ईशनिंदा को अब अलविदा!- सुभाष गताडे

इंडोनेशिया की चीनी मूल की बौद्ध महिला मैलाना (उम्र 44 साल) को बहुत कम लोग जानते होंगे. कुछ माह पहले ही वह इंडोनेशिया के अखबारों में सूर्खियों में रही, जब वहां के विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत उसे दो माह की सजा सुनायी गयी. सुमात्रा द्वीप की रहनेवाली इस महिला का ‘जुर्म' इतना ही था कि उसने अपने स्थानीय मस्जिद से दी जा रही अजान की तेज आवाज के बारे...

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हाशिमपुरा- इकतीस साल बाद-- विभूति नारायण राय

बुधवार को जब उच्च न्यायालय ने हाशिमपुरा नरसंहार के सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई, तो 31 साल पुरानी इस दुखद घटना के सारे दृश्य एक के बाद एक मेरी आंखों के सामने से गुजरने लगे।   कुछ अनुभव ऐसे होते हैं, जो जिंदगी भर आपका पीछा नहीं छोड़ते। दु:स्वप्न की तरह वे हमेशा आपके साथ चलते हैं। कई बार तो कर्ज की तरह आपके सीने पर सवार रहते...

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तेजी से घटी है गरीबी मगर भारत में गरीबों की तादाद अब भी सबसे ज्यादा- एमपीआई रिपोर्ट

एक दशक के भीतर भारत में गरीबों की संख्या घटकर आधी रह गई है लेकिन अब भी दुनिया के गरीब लोगों की सबसे बड़ी तादाद भारत में मौजूद है. ये निष्कर्ष है हाल ही में जारी साल 2018 के ग्लोबल मल्टीडायमेंशनल पावर्टी इंडेक्स(एमपीआई) रिपोर्ट का.   रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2005/6 से 2015/16 के बीच भारत में गरीबी की दर 55 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गई है. एक दशक...

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