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भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन: 100 साल के सफ़र के पाँच पड़ावों ने बदला इतिहास

-बीबीसी,  भारत में ही नहीं यूरोप या किसी अन्य महाद्वीप में आज कम्युनिस्ट आंदोलन बहुत मजबूत नहीं रह गया है. लेकिन इस दौरान इस विचारधारा की राजनीति भारत में अपने 100 साल पूरे कर लिए हैं. अब तक के इस सफ़र के पांच सबसे अहम पड़ाव और भारतीय राजनीति में उनके मायनों पर एक नज़र: 1. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ताशकंद में स्थापना-कांग्रेस के साथ रिश्ते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की शुरुआत 17 अक्टूबर, 1920...

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लोक कल्याणकारी बॉलीवुड थोड़े ही है: पंकज त्रिपाठी

-आउटलुक, आज पंकज त्रिपाठी की गणना उन चंद अभिनेताओं में होती है, जिन्हें अपनी प्रतिभा के बल पर प्रसिद्धि मिली। लेकिन उन्हें यह मुकाम एक दशक से अधिक के कड़े संघर्ष के बाद हासिल हुआ। ‘कालीन भैया’ के किरदार के रूप में उन्होंने अमेजन प्राइम वीडियो के वेब शो मिर्जापुर में खूब वाहवाही लूटी। इस वेब सीरीज का दूसरा सीजन 23 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। गिरिधर झा से उन्होंने...

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दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक कोरोना वायरस से लड़ाई में किस रणनीति को सबसे कारगर मान रहे हैं?

-सत्याग्रह, भारत में अनलॉक 5.0 शुरू हो चुका है. लॉकडाउन खोलने के इस पांचवे चरण में पिछले दिनों देश भर के सिनेमाघर खुल चुके हैं. बेशक, अभी इन्हें आधी क्षमता के साथ ही खोला जा रहा है, ऑनलाइन बुकिंग को वरीयता देने के चलते इनके टिकट काउंटर लगभग बंद से ही हैं और इनमें खाने-पीने की सिर्फ पैकेटबंद चीजें ही फिलहाल परोसी जा रही हैं. थर्मल जांच, मास्क पहनने की अनिवार्यता...

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बिहार एक बार फिर देश को रास्ता दिखा सकता है, रोज़गार बन रहा है चुनाव का केंद्रीय सवाल

-न्यूजक्लिक, बिहार चुनाव में मोदी जी की सीधी एंट्री 23 अक्टूबर से होने जा रही है। पहले चरण के चुनाव के एक सप्ताह पूर्व। वैसे उनके नम्बर दो के स्टार प्रचारक योगी जी 20 अक्टूबर से मैदान में उतर रहे हैं। (अपना हाथरस, बलिया वाला रामराज का UP मॉडल लेकर! ) सवाल यह है कि NDA के हाथ से जो बाजी निकलती जा रही है, क्या वे इसे पलट पाएंगे? चुनाव की घोषणा...

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अस्तित्व की लड़ाई

- आउटलुक, “नए कानूनों से किसानों को खेती पर भी कॉरपोरेट के हावी होने का अंदेशा” अच्छे दिनां ने पंजाब दी किसानी डोब ती... (अच्छे दिनों ने पंजाब की किसानी डुबा दी) पंजाबी गायक मनमोहन वारिस का यह गाना इन दिनों प्रदेश के किसान आंदोलन में खूब बज रहा है। ये किसान खेतों में तैयार खड़ी फसलों की चिंता छोड़ रेल पटरियों पर तंबू लगाकर पड़े हैं। उन्हें फसलों के नष्ट होने...

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