रतलाम। प्रकृति से छेड़खानी के परिणाम लगातार लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं। कम हो रहे वन क्षेत्र और पेड़-पौधों की सुरक्षा पर समुचित ध्यान नहीं देने से मौसम चक्र गड़बड़ा गया है। ठंड और गर्मी में बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं। इस मामले में कुछ सजग प्रहरियों के एकल प्रयास देखने में आए हैं। उनके प्रयास रंग भी लाने लगे हैं। आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस...
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यूपी में अपराध और राजनीति- कृष्ण प्रताप सिंह
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के चुरथरा गांव में तीन तांत्रिकों ने भूत उतारने के नाम पर मालती नाम की बीमार विवाहिता को पहले उसके घर में ही खंभे से बांधा, फिर आग में तपाई लोहे की जंजीरों से निर्ममतापूर्वक पीटा. बेहोश हो जाने के बाद भी वे गर्म चिमटे से उसे तब तक दागते रहे, जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गयी. इस धतकरम में मालती के पति, देवर व...
More »जिनको हाशिए पर भी जगह नहीं- अतुल चौरसिया
हिसार के पश्चिमी छोर पर स्थित एक विशाल फॉर्महाउस विरोधाभासों की जमीन है. इसके आधे हिस्से में एक शानदार कोठी, लॉन और पोर्टिको बने हैं जबकि बाकी का आधा हिस्सा बेतरतीब काली पॉलीथीन से ढंकी करीब 60-70 झुग्गियों से पटा हुआ है. जहां-तहां पानी के गड्ढे हैं जिनमें मच्छर और मक्खियां बहुतायत में पल-बढ़ रहे हैं. इसी झुग्गी बस्ती में अपनी कुछ मुर्गियों और दो सुअरों के साथ 80 साल...
More »हरप्रीत कौर की अजब कहानी- राहुल कोटियाल
साल 2013. दिल्ली में इस साल की शुरुआत धरनों, प्रदर्शनों, भूख हड़ताल और नारों से हुई थी. 16 दिसंबर 2012 की शाम जो हादसा निर्भया के साथ हुआ उसने दिल्ली ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इसके बाद लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे. कहीं निर्भया को न्याय दिलाने की मांग थी तो कहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून बनाने के आंदोलन हो...
More »अब देश की उम्मीदें पूरी करने की चुनौती - परंजॉय गुहा ठाकुरता
विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र निर्णायक ढंग से एक नई दिशा में मुड़ गया है। जिस भगवा लहर के उफान के कयास लगाए जा रहे थे, वह भाजपा और उसकी अगुआई वाले एनडीए के पक्ष में सुनामी बनकर उभरी है। देश के उन हिस्सों में भी नरेंद्र मोदी ने नाटकीय ढंग से अपनी पार्टी की तकदीर बदल दी है, जिनमें वह परंपरागत रूप से मजबूत नहीं रही थी। हिंदी पट्टी...
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