-बाबा मायाराम, न बिजली, न मोटर, न डीजल-ईंजन फिर भी हो रही है खेतों की सिंचाई। यह अनूठा काम सरगुजा जिले के आदिवासी किसान कर रहे हैं। वे पहाड़ी नाले का पानी अपने खेतों तक ले आएं हैं, जिससे खेतों की सिंचाई हो रही है। वे पहले बारिश में सिर्फ एक ही फसल ले पाते थे, अब खरीफ की फसल धान के साथ सब्जियों की फसल भी लेते हैं। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले...
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दुनिया का हर छठा बच्चा घोर ग़रीबी में, महामारी से यह संख्या बढ़ने की आशंका: रिपोर्ट
-द वायर, कोविड-19 महामारी शुरू होने से पहले दुनिया का हर छठा बच्चा (करीब 35.6 करोड़) घोर गरीबी में जीवनयापन कर रहा था और यह स्थिति और खराब होने की आशंका है. यह आकलन विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की नवीनतम विश्लेषण रिपोर्ट में किया गया है. ‘ग्लोबल एस्टीमेट ऑफ चिल्ड्रेन इन मॉनिटरी पॉवर्टी : ऑन अपडेट’ नाम से जारी रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि उप सहारा...
More »बिहार चुनाव: क्या राज्य की कृषि व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है
-बीबीसी, "हम दिन भर खेती करते हैं, दिन भर कमाते हैं और एसी वाले बैठकर खाते हैं. हम भी जनता हैं, हम वोट देने वाले हैं. हम काम देखेंगे. ऐसा नहीं कि आपको वोट दे दिया तो अपने घर में जाकर बैठ जाइए और हमारा विकास ना हो." पूर्वी चंपारण में खेती करने वाले किसान अरविंद सरकारों की उदासीनता पर ग़ुस्से में कहते हैं. उनके साथ-साथ बाक़ी कई किसानों की भी यही शिकायत...
More »वायनाड के आदिवासी छात्रों ने शिक्षा में संस्थागत भेदभाव के खिलाफ उठाई आवाज
-कारवां, केरल का आदिवासी समुदाय हमेशा से ही माध्यमिक और उच्च शिक्षा के मामले में बड़े नुकसान में रहा है और कोविड-19 महामारी के समय में आदिवासी छात्रों के सामने आने वाली मुश्किलें बढ़ गई हैं. केरल में स्कूलों और कॉलेजों ने डिजिटल क्लास लेनी शुरू की है लेकिन अक्सर आदिवासी और दलित छात्रों के लिए इस रूप में पढ़ाई कर सकना लगभग असंभव है. समाज के हाशिए पर रहने वाले...
More »कैसे पंचवर्षीय योजनाओं ने हिंदुस्तान की आर्थिक बुनियाद को टेढ़ा कर दिया
-सत्याग्रह, अब तक हमने जाना कि कैसे आजादी के बाद 1948 में राज्यों का एकीकरण हुआ - हैदराबाद, जूनागढ़ की ना-नुकर और कश्मीर का एक लड़ाई और कुछ शर्तों के साथ हिंदुस्तान में विलय. 1949 में आरबीआई का राष्ट्रीयकरण हुआ और 1950 में देश अपने नये संविधान के साथ गणतंत्र बना. देखा जाए तो इसके साथ देश का भौगोलिक और संवैधानिक ढांचा बनकर तैयार हो गया था. अब बारी थी आर्थिक...
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