मेरी ही तरह सरकारी स्कूल से पढ़े एक दोस्त ने स्कूल के दिनों का अनुभव साझा किया। वह जब बारहवीं कक्षा में था, तब पहली बार एक अध्यापक ने स्कूल से अंतिम कक्षा की पढ़ाई पूरी करके निकलने वाले विद्यार्थियों के लिए ‘फेयरवेल पार्टी' यानी विदाई समारोह आयोजित करने बात कही तो दूसरे अध्यापक ने उनके इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया और यह टिप्पणी की कि सरकारी...
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आधी आबादी का संघर्ष-- डा. अनुज लुगुन
तारीखें कैलेंडर में टंगी चुप्पी साधी चीज नहीं होती हैं, यह तो इतिहास के सबल साजो-सामान और विचार को हमारी आंखों के आगे चस्पा कर उस भार का एहसास दिलाती रहती हैं, जो पूर्वजों के कंधों से होकर हमारे वर्तमान में प्रवेश कर जाती हैं. फर्क इस बात का पड़ता है कि हम यूं ही कैलेंडर के पन्ने पलट देते हैं या उसे पढ़ पाते हैं. ऐसे ही 08 मार्च,...
More »ज्ञान की ये कैसी अंधी-महंगी दौड़! - गिरीश्वर मिश्र
भारत में शिक्षा को एक रामबाण औषधि के रूप में हर मर्ज की दवा मान लिया गया और उसके विस्तार की कोशिश शुरू हो गई बिना यह जाने-बूझे कि इसके अनियंत्रित विस्तार के क्या परिणाम होंगे? सामाजिक परिवर्तन की मुहिम शुरू हुई और भारतीय समाज की प्रकृति को देशज दृष्टि से देखे बिना हस्तक्षेप शुरू हो गए। दुर्भाग्य से ये हस्तक्षेप अंग्रेजी उपनिवेश के विस्तार ही साबित हुए हैं। स्मरणीय...
More »नौ फीसद विकास दर से मिट सकती है देश में गरीबी : रंगराजन
हैदराबाद। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा है कि देश में गरीबी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए अगले दो दशकों तक आर्थिक विकास की रफ्तार आठ-नौ फीसद रहने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने इस पर जोर दिया कि विकास की इस यात्रा में समाज के गरीब तबके को जोड़ना और उनका खयाल रखना चाहिए। यहां एक कार्यक्रम में रंगराजन ने दक्षिण कोरिया...
More »महिला विकास की बातें हैं, बातों का क्या! - मृणाल पांडे
इस समय जब वसंत अलविदा ले रहा है और एक नया संवत्सर दहलीज पर खडा है, वाक्वीर सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने सरकार के सालाना आर्थिक सर्वेक्षण मसौदे को पहली बार एक गुलाबी जिल्द में प्रस्तुत किया। पर यह गौरतलब है कि उस मसौदे के अनुसार भारत की अपेक्षित कुल आबादी में से 6 करोड़ तीस लाख महिलाएं गायब हैं। इस गैरहाजिरी की जो मोटी वजह प्राप्त आंकड़ों से...
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