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6 साल में 15 करोड़ विमुक्त घुमंतू आबादी को मिला पीएम मोदी की एक विदेश यात्रा के खर्च से भी कम बजट!

-गांव सवेरा, 2019-20 में सामाजिक न्याय मंत्रालय के 8 हजार 885 करोड़ के बजट में से विमुक्त घुमंतू जनजातियों के हिस्से केवल 10 करोड़ तो वहीं 2020-21 में मंत्रालय के 10 हजार 103 करोड़ के बजट में से डीएनटी को केवल 11.24 करोड़ का बजट दिया गया. देश में विमुक्त घुमंतू एवम अर्धघुमंतू जनजातियों की आबादी 15 करोड़ के आस-पास है. विकास के दृष्टिकोण से विमुक्त घुमंतू और अर्धघुमंतू जनजातियां देश का...

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बीजेपी के भव्य कार्यालय बन सकते हैं तो वादे अनुसार 10 हजार बेघर घुमंतू परिवारों के घर क्यों नहीं?

-गांव सवेरा, हरियाणा सरकार के सर्वे के अनुसार प्रदेश में 10 हजार ऐसे परिवार हैं जिनके पास मकान बनाने के लिए जमीन तक नहीं है. वहीं 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में कुल बेघर लोगों की संख्या 10 लाख 30 हजार के करीब है, इनमें से अधिकतर बेघर लोग विमुक्त घुमंतू समुदाय से हैं. मकान बनाने के लिए जमीन न होने के कारण आजादी के सात दशक बाद भी डिनोटिफाइड...

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दरभंगा एम्स के लिए सत्याग्रह: घर-घर ईंट मांग रहे युवा, कहा- सरकार नहीं तो जनता करेगी शिलान्यास

-गांव कनेक्शन, बिहार के दरभंगा जिले में प्रस्तावित प्रदेश के दूसरे एम्स के लिए बिहार के सैकड़ों युवाओं ने एक मुहिम शुरु की है। वो घर-घर जाकर लोगों से ईंट मांग रहे हैं। बिहार में छात्रों-युवाओं के संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) ने ऐलान किया है कि अगर घोषणा के इतने वर्षों बाद भी सरकार शिलान्यास नहीं कर सकी तो बिहार की जनता ये काम खुद करेगी। मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU)...

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अरुंधति रॉय: पेगासस को महज एक नया तकनीकी हथकंडा कहकर नकारना एक गंभीर गलती होगी!

-गांव सवेरा, भारत में मौतों की मनहूसी का मौसम बड़ी तेज़ी से जासूसी के मौसम में बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर उतर गई है, और अपने पीछे छोड़ गई है अंदाज़न 40 लाख भारतीयों की मौतें। मौतों का आधिकारिक सरकारी आंकड़ा इसका दसवां हिस्सा है– चार लाख। नरेंद्र मोदी की इस खौफनाक हुकूमत (डिस्टोपिया) में, जब श्मशान घाटों पर धुआं छंटने लगा और कब्रिस्तानों की मिट्टी...

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बिजनेस वुमन बन रही हैं झारखंड की आदिवासी महिलाएं, वनोपज संग्रहण से हो रहा फायदा

-गांव कनेक्शन, हर सुबह 8 बजे सुषमा समद अपनी पांच गज की साड़ी पहनकर दफ्तर जाने के लिए अपने गांव केसरा से साइकिल पर निकलती हैं। उनका दफ्तर गांव से पांच किलोमीटर दूर झारखंड में सिमडेगा जिले के थेथैतानगर ब्लॉक में स्थित है। सुषमा के साथ गांव की ही चार अन्य महिलाएं भी दफ्तर जाती हैं। ये सभी महिलाएं झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (जेएसएलपीएस) द्वारा स्थापित केंद्र में काम करती...

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