पटना। लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद (कपार्ट) भारतीयकृषि अनुसंधान परिषद केसाथ मिलकर सूबे के हाजीपुर और सारण में सामुदायिक आधारित कृषि तकनीक को विकसित करेगा। कपार्ट के सदस्य सचिव दीपांकर श्रीज्ञान ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से संस्था को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है। कपार्ट के महानिदेशक मो.हलीम खान ने निर्देशित किया है कि कृषि विज्ञान केंद्र, हाजीपुर की साझेदारी से सब्जी बीज के उत्पादन और...
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प्रखंड स्तर पर होंगे फार्म मशीनरी बैंक
पटना जोत का रकबा घटने के कारण अधिकतर किसान कृषि यंत्रों की खरीद करने की स्थिति में नहीं हैं। कृषि यंत्रों में खराबी होने पर मरम्मत अलग समस्या है। इन सभी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रत्येक जिले में फार्म मशीनरी बैंक खोले जायेंगे। इसको व्यवसाय के रूप में संचालित किया जायेगा। राशि की व्यवस्था राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से से होगी। बिहार से ही उम्मीद पैदावार में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय कृषि...
More »सुबह के इस दौर में भी छूट रहीं बच्चियां
पटना [जागरण टीम]। सरकारी प्रयास शुरुआती दौर पर रंग तो ला चुके हैं, लेकिन मैट्रिक के बाद की पढ़ाई-लिखाई के हलके में राज्य की ज्यादातर बच्चियों के लिए अपना वजूद बनाए रख पाना आज भी बहुत मुश्किल हो रहा है। 21वीं शताब्दी के 10 साल गुजरने के बाद भी शैक्षणिक संस्थानों की कमी और बुनियादी सुविधाओं की किल्लत ने उन्हें मैट्रिक की बाद की पढ़ाई के मद्देनजर तकरीबन 30 साल पीछे ही छोड़ रखा है। ...
More »हरे कानून बदलेंगे रहन-सहन की तहजीब
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जलवायु परिवर्तन के खतरों के खिलाफ देश में धीरे-धीरे खड़ी हो रही हरे कानूनों की नई बाड़ का असर आने वाले कुछ दिनों में आम आदमी की जिंदगी पर नजर आने लगेगा। मामला साफ हवा के नए मानकों का हो या ई-कचरे को नियंत्रित करने के पैमानों का। पर्यावरण केंद्रित नियम-कायदों का नया सांचा देश में रहन-सहन की तहजीब को नई शक्ल देने में जुटा है। बीते एक साल में सरकार...
More »पानी, जहर और जीडीपी-- देविंदर शर्मा
इस चिलचिलाती गरमी में पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा है और प्रमुख जलस्त्रोत सूखते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन पीने के पानी को लेकर खून बहने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जरूरत भी पूरी न होने से गुस्साएं प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं. आने वाले महीनों में, पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रहने वाली है. जल संकट पिछले 15 सालों से खतरे की घंटी बज रही है,...
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