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गरीबों, बेसहाराओं को न्याय दिलाने के लिए काटजू बनाएंगे एनजीओ

मुंबई: मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले में दोषी ठहराए गए अभिनेता संजय दत्त और जैबुनिस्सा काजी को माफी देने की वकालत करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू गरीब तथा बेसहारा लोगों को न्याय दिलाने के लिए \'द कोर्ट ऑफ लास्ट रिसोर्ट\' के नाम से गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) बनाएंगे। \'कोर्ट ऑफ लास्ट रिसॉर्ट\' का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और राज्यों...

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धन्य है यूपी सरकार, 8 करोड़ का भत्ता बांटने में बहाए 12 करोड़

लखनऊ [जासं]। बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 शुरू होने के साथ ही इसमें खामियों की कलई खुलने लगी है। बेरोजगारी भत्ते से ज्यादा भत्ता वितरण में पात्रों और अतिथियों की आवभगत और इंतजाम में खर्च किया जा रहा है। यह चौंकाने वाले तथ्य सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी के बाद सामने आए हैं। राजाजीपुरम निवासी उर्वशी शर्मा ने सूचना अधिकार अधिनियम-2005 का हवाला देते हुए निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन से बेरोजगारी भत्ते...

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ग्राम-सभा को कागजी शेर बनाने की कवायद

बात विकास-परियोजनाओं के बारे में निर्णय लेने की आये तो ग्राम-सभा की भूमिका क्या हो ? इसका उत्तर छुपा है संविधान की पांचवीं अनुसूचि, 73 वें संविधान-संशोधन, पेसा-कानून और वनाधिकार कानून में। इन उपायों के जरिए विकास-योजनाओं के संबंध में ग्राम-सभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं, वन और पर्यावरण की सुरक्षा भी इन उपायों से सुनिश्चित की गई है।   हाल के महीने में बड़ी चतुराई से इन कानूनों के व्याकरण से कुछ ऐसी छूट लेनी की कोशिश की...

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बढ़ता जा रहा नकली दवाओं का धंधा

नई दिल्ली। देश में नकली या मिलावटी दवाओं का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। पिछले तीन साल में नकली दवाओं का चलन कुछ ज्यादा ही बढ़ा है। करीब चार साल पहले सरकार ने ऐसी अवैध गतिविधियों की सूचना देने वालों के लिए ह्विसल्ब्लोअर्स पुरस्कार योजना बनाई थी जो पूरी तरह नाकाम रही है। न तो आज तक एक भी सही सूचना मिली और न किसी को पुरस्कृत किया गया। स्वास्थ्य...

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यह कैसी सौ फीसदी मंजूरी..!

उद्योगपतियों से लेकर प्रधानमंत्री तक एक ना एक रुप में वन और पर्यावरण मंत्रालय की आलोचना करते हैं कि वह ग्रीन-क्लीयरेंस के नाम पर औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण के काम को रोक देता है। लेकिन बीते पाँच सालों में इस मंत्रालय ने जो निर्णय लिए हैं , उसके अध्ययन के आधार पर पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने वाली एक संस्था के निष्कर्ष कुछ और ही इशारा करते हैं। संस्था की रिपोर्ट(देखें...

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