हमारे देश की नींव दो लोगों के कंधे पर खड़ी है, इनमें प्रथम जवान हैं दूसरे किसान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। वर्तमान सरकार के पिछले 18 महीने के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र को बहुत ही बेरहमी से कुचला गया है। कृषि भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ है। न केवल जीडीपी में इसका 16 प्रतिशत का योगदान है, बल्कि लगभग 50...
More »SEARCH RESULT
दंड विधान को उदार बनाने का वक़्त-- शशि थरुर
ब्रिटिश शासकों से विरासत में मिली हमारी संसदीय व्यवस्था में कानून बनाने का काम मोटे तौर पर सरकार द्वारा संचालित है। ऐसा प्रावधान नहीं है कि विपक्षी दल विधेयक लाएं और उन्हें पारित कर कानून का रूप देने का प्रयास करें। हालांकि, संसद सदस्य व्यक्तिगत रूप से ऐसा कर सकते हैं। इस प्रावधान को ‘निजी सदस्य के विधेयक' कहा जाता है। संसद चल रही हो तो हर शुक्रवार की दोपहर...
More »संतुलन खोते लोकतंत्र के स्तंभ-- वेद प्रताप वैदिक
हमारी लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के चार स्तंभ हैं। विधानपालिका यानी संसद, कार्यपालिका यानी सरकार, न्यायपालिका यानी अदालत और खबरपालिका यानी अखबार और टीवी-रेडियो चैनल! क्या ये चारों स्तंभ अपना-अपना काम सही-सही कर रहे हैं? ये सब काम तो कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके काम-काज में कोई बुनियादी कमी आ गई है कि या तो एक स्तंभ का काम दूसरे से लिया जा रहा है या कोई स्तंभ...
More »सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज
नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
More »सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज
नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
More »